औरंगाबाद में दो समूहों के बीच झड़प के बाद भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव

औरंगाबाद/ महाराष्ट्र : औरंगाबाद में दो गुटों के बीच हुई झड़प के बाद जब पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, तो करीब 500 लोगों की भीड़ ने पथराव किया और पेट्रोल से भरी की बोतलें फेंकी, जिसमें 10 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 12 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना बुधवार और बृहस्पतिवार की दरमियानी रात को जिले के किराडपुरा इलाके में हुई, जहां एक प्रसिद्ध राम मंदिर है। गौरतलब है कि देश भर में बृहस्पतिवार को रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है।इस घटना में बदमाशों ने 13 वाहनों को आग के हवाले कर दिया।अधिकारियों ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और कुछ प्लास्टिक की गोलियां चलाईं। उन्होंने कहा कि आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए आठ टीम का गठन किया गया है। स्थिति अब नियंत्रण में है और पूरे औरंगाबाद में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।औरंगाबाद को अब छत्रपति संभाजीनगर कहा जाता है।

औरंगाबाद के पुलिस आयुक्त निखिल गुप्ता ने मराठी समाचार चैनल ‘एबीपी माझा’ से कहा, यह मामला दो समूहों के बीच झड़प के साथ शुरू हुआ। प्रत्येक समूह में लगभग पांच व्यक्ति शामिल थे। दोनों समूह राम मंदिर के पास आपस में भिड़ गए। कुछ देर बाद एक गुट वहां से चला गया और पुलिस जल्द ही मौके पर पहुंच गई। करीब एक घंटे बाद वहां भीड़ जमा हो गई और वे अपने साथ पत्थर और पेट्रोल की बोतलें लेकर आए और उसे पुलिसकर्मियों पर फेंका।उन्होंने कहा कि इलाके की स्ट्रीट लाइट भी बदमाशों ने खराब कर दी थी, इसलिए इलाके में अंधेरा था।

पुलिस आयुक्त ने कहा, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हमें अतिरिक्त बल प्रयोग करना पड़ा। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और पेट्रोल से भरी बोतलें फेंकने के अलावा राम मंदिर के पास पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने इस मामले में कुछ प्लास्टिक की गोलियां चलाईं और बड़े पैमाने पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया।उन्होंने कहा, हमने बदमाशों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए आठ टीम का गठन किया है। हमें अतिरिक्त बल भी मिला है, जो अब शांति बनाए रखने के लिए शहर में तैनात है। प्रशासन शांति बनाए रखने को लेकर सर्वदलीय बैठक करेगा। पुलिस उपायुक्त शिलवंत नांदेड़कर ने भाषा से कहा कि जिंसी थाने में 400 से 500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस उपायुक्त शिलवंत नांदेड़कर ने कहा, उपद्रवियों ने पुलिस के 13 वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में 10 पुलिसकर्मी और कुछ अन्य लोग घायल हो गए।पुलिस ने इस घटना के संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, छत्रपति संभाजीनगर में हुई घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इलाके में शांति बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, कुछ लोग भड़काऊ बयान देकर वहां माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।राज्य के गृह विभाग का प्रभार संभालने वाले फडणवीस ने इस घटना को लेकर खुद पर लगे आरोपों पर कहा, मुझे लगता है कि नेताओं को पता होना चाहिए कि ऐसी स्थितियों में कैसे व्यवहार करना है। इसलिए, अगर कोई इस तरह के गलत बयान दे रहा है, तो उसे इससे बचना चाहिए। सभी को शांति बनाए रखनी चाहिए। अगर कोई इस घटना को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है, तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

विपक्ष ने इस घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया और कहा कि इसका उद्देश्य शहर में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की आगामी रैली को बाधित करना है।गौरतलब है कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस सहित एमवीए के नेता औरंगाबाद शहर में रविवार को एक रैली आयोजित करने वाले हैं।

इस घटना को लेकर भाजपा और एआईएमआईएम पर निशाना साधते हुए शिवसेना (यूबीटी) के नेता चंद्रकांत खैरे ने दावा किया, इम्तियाज जलील (एआईएमआईएम), देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री भागवत कराड आपस में दोस्त हैं। यह उनकी योजना है। हिंसा का उद्देश्य दो अप्रैल को होने वाली हमारी (एमवीए) की रैली को बाधित करना है। लोग यह भी कह रहे हैं कि एआईएमआईएम भाजपा की ‘बी’ टीम है।

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि जानबूझकर तनाव पैदा किया जा रहा है और गृह मंत्री फडणवीस को पता होना चाहिए कि अपराधी कौन हैं।उन्होंने कहा दो अप्रैल को एमवीए की रैली निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ेगी। यह एक बड़ी सफलता होगी और इसके लिए तैयारी चल रही है।

विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने इस घटना को लेकर कहा, क्या यह दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने का प्रयास है? पुलिस को पूछताछ करनी चाहिए और मास्टरमाइंड का पता लगाना चाहिए। पुलिस को बिना किसी राजनीतिक दबाव के काम करना चाहिए।

लोकसभा सदस्य इम्तियाज जलील ने खुद पर लगे आरोपों को लेकर संवाददाताओं से कहा, ऐसा उनकी नाकामी छिपाने के लिए किया जा रहा है। उनके अनुसार जब कुछ अच्छा होता है तो उनकी वजह से होता है, लेकिन अगर कुछ बुरा होता है तो एआईएमआईएम की वजह से होता है। मैं घटना की जांच चाहता हूं। औरंगाबाद के सभी नेताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शहर में शांति बनी रहे।भाषा

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