गांव -गांव शिविर लगाकर फिर भी जनचौपाल में 129 लोगो ने बताई समस्याएं…सवाल तो बनता है?

कोरबा (छत्तीसगढ़) : प्रशासन से कहाँ चूक हो रही है,इसका मंथन करना अधिकारी जरूरी नही समझते।इतनी बड़ी चूक अगर राजनीतिक पार्टियों में होती तो वे पार्टी का बैठक कर इसका मंथन कर रास्ता निकाल लिया जाता है।लेकिन शासन प्रशासन में ऐसा देखने को नही मिलता है।गरीबो को बार बार जनचौपाल और जनदर्शन में समस्याओं से सम्बंधित आवेदन आना पड़ रहा हैं।अधिकारी यो को समस्याओं को लेकर निर्देश दिया जाता है इनकी समस्या को त्वरित निराकरण करें ,लेकिन ऐसा नही होता।

कोरबा कलेक्टोरेट कार्यालय के सभाकक्ष में मंगलवार को आयोजित जनचौपाल में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से लोगों ने अधिकारियों के सामने अपनी शिकायतें प्रस्तुत कर निराकरण की मांग की। जनचौपाल में कुल 129 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिसमें आवेदकों ने रोजगार प्रदाय, उच्च स्वास्थ्य इलाज हेतु सहायता, अपराधिक प्रकरण की जांच, आर्थिक सहायता, मुआवजा दिलाने, मजदूरी भुगतान, लंबित राशि का भुगतान, वन अधिकार पट्टा दिलाने, बिजली कनेक्शन, सड़क पर ब्रेकर बनाने, शासकीय जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने, नामांतरण, नक्शा दुरूस्तीकरण, भूमि सीमांकन, राशनकार्ड जैसे अन्य आवेदन शामिल थे। कलेक्टर संजीव कुमार झा के निर्देशन में अपर कलेक्टर श्री विजेंद्र पाटले ने आम लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और सम्बंधित अधिकारियों को आवेदन का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए है।

लेकिन सवाल यह भी उठता है सरकार ने सरकार तुंहर द्वार और गावों में शिविर लगाकर समस्याओं को लेकर ग्रामीणों से आवेदन लिया जाता है फिर भी सैकडों ग्रामीण जनचौपाल में अपनी समस्याओं की निराकरण के लिए पहुंच रहे है क्या उनका आवेदन का निराकरण हो पाता है या नही?

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