Chhattisgarh India World प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वाले 06 मृतकों के परिजनों के लिए स्वीकृत की 4-4 लाख रुपए की सहायता राशि KBC World NewsMay 8, 20230130 views आरबीसी 6-4 के तहत कुल 6 प्रकरणों में कुल 24 लाख रुपए की राशि हुई स्वीकृत कोरबा / छत्तीसगढ़ : कलेक्टर संजीव झा की पहल पर जिला प्रशासन ने प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वाले 18 प्रकरणों में मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की क्षतिपूर्ति सहायता राशि स्वीकृत की है। तहसील कोरबा के इंदिरानगर सिटी निवासी सरफराज खान की नदी के पानी में डूबने से मृत्यु हो गई थी। इस प्रकरण में मृतक की माता साजदा बेगम को चार लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि की स्वीकृति दी गई है। तहसील हरदीबाजार के ग्राम नोनबिर्रा निवासी संजय यादव की कुंए के पानी में डूबने से मृत्यु हो गई थी। इस प्रकरण में मृतक के पिता भीम यादव को चार लाख की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृित दी गई है। तहसील कोरबा के ग्राम नकटीखार निवासी कु. पलक महंत की सर्पदंश से मृत्यु हो गई थी। इस प्रकरण में मृतका के पिता श्यामदास को चार लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि की स्वीकृति दी गई है। तहसील कोरबा के तुलसीनगर निवासी भूपन चौहान की हसदेव नदी के पानी में डूबने से मृत्यु हो गई थी। इस प्रकरण में मृतक की पत्नी पुन्नी बाई चौहान को चार लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि की स्वीकृत दी की गई है। तहसील पोड़ीउपरोड़ा अंतर्गत ग्राम जामकछार निवासी फुलबसिया बाई की मनवार नाला के पानी में डूबने के कारण मृत्यु हो गई थी। इस प्रकरण में मृतका के पति मालिकराम कछार को चार लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि की स्वीकृित दी गई है। तहसील पाली अंतर्गत ग्राम नवाडीह कांजीपानी निवासी सावन सिंह की सर्पदंश के कारण मृत्यु हो गई थी। इस प्रकरण में मृतक की पत्नी सुनीता बाई को चार लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि की स्वीकृति दी गई है।मृतकों के मृत्यु के संबंध में संबंधित तहसीलदारों द्वारा पटवारी प्रतिवेदन, पंचनामा, शव परीक्षण, नजरी नक्शा, अकाल एवं आकस्मिक मृत्यु सूचना पंजी एवं संबंधित थाना का मर्ग प्रतिवेदन एवं शपथ पूर्वक बयान प्रस्तुत किया गया है। संबंधित अनुविभागीय अधिकारियों के प्रतिवेदन पश्चात राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत मृतकों के परिजनों को क्षतिपूर्ति के रूप में 06 प्रकरणों में चार-चार लाख रूपए कुल 24 लाख रुपए की सहयोग राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है। सहायता राशि मिलने से परिजनों को दुख की घडी में आर्थिक राहत मिलेगी।