Chhattisgarh korba Politics 25 मिनट के भाषण में अमित शाह ने महंगाई और बेरोजगारी पर कोई बात नहीं की-डॉ महंत KBC World NewsMay 2, 20240174 views In his 25-minute speech, Amit Shah did not talk about inflation and unemployment- Dr Mahant छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कोरबा लोकसभा क्षेत्र के ग्राम पसान में जनता को संबोधित किया। एक तरफ भाजपा के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कटघोरा में चुनावी सभा कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत पसान में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत के प्रचार कर रहे थे। अपने प्रचार के दौरान डॉ महंत ने अमित शाह की सभा को लेकर कहा कि उन्होंने करीब 25 मिनट के अपने भाषण में कटघोरा का जिक्र तक नहीं किया। अमित शाह ने महंगाई, बेरोजगारी, किसान, मजदूर का जिक्र तक नहीं किया। वे राम-रहमान, हिंदू-मुस्लिम की बात करते रहे. 25 साल का एजेंडा जनता पर थोप कर चले गए। उन्होंने आरक्षण की बात की लेकिन लोकसभा के उद्घाटन और राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर दलित पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित तक नहीं किया. अमित शाह जहां 20 करोड़ गरीबों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का झूठ बोल कर चले गए, वहीं 80 करोड़ गरीबों को दिए जा रहे चावल में कटौती पर कुछ नहीं बोले. उन्होंने कोरोना वैक्सीन का बखान किया लेकिन यह नहीं बताया कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से कितना चंदा लिया गया। उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में भी कुछ नहीं कहा। ये लोग 19 साल के जवानों को रिटायरमेंट दे रहे हैं. डॉ महंत ने कहा कि कटघोरा आने के बाद भी केंद्रीय गृह मंत्री समीपस्थ हसदेव अरण्य क्षेत्र में लाखों पेड़ों की कटाई के मामले पर चुप रहे। सरोज पांडेय बार-बार गांव का दौरा कर रही हैं, इतना बड़ा झूठ बोलने के बाद वे यह कहकर चली गईं कि झूठ बोलो, बार-बार बोलो, जोर से बोलो। उन्होंने 400 पार का नारा इसलिए दिया क्योंकि आरक्षण को खत्म करना है। गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी पूरी सभा में 15 लाख के वादे, विदेशों से काला धन वापस लाने के वादे, 500 रुपए में सिलेंडर देने के वादे, किसानों की कर्जमाफी के बारे में एक भी शब्द नहीं कहा। डॉ महंत ने कहा कि इस चुनाव में भाजपा के नेता डरे हुए हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी जमीन खिसक रही है, इसलिए वे जनहित के मुद्दों, जनता की जरूरतों और उनकी आवाज को फूलदार भाषणों में गायब कर रहे हैं।