Chhattisgarh International Womens day vandana dutta of ambikapur keeps the needy children at her home and gets them educated kbc@adminMarch 5, 2023063 views [ad_1] रिपोर्ट- निखिल मित्राअंबिकापुर. छत्तीसगढ़ की अंबिकापुर की 65 वर्षीय वंदना दत्ता गरीबों बच्चों और जरूरतमंदों की भलाई के लिए जो काम कर रही है, वह एक मां ही कर सकती है. शहर के गरीब और अशक्त लोग भले ही उन्हें नाम से न जानते हो मगर पूरा शहर उन्हें बुआ कहता है. पिछले 46 सालों से वंदना गरीब और जरूरतमंद बच्चों को अपने घर पर अपने साथ अपने बच्चों की तरह रखकर उनका पालन करती हैं. उनके स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करवाती है. वंदना अब तक 15 बच्चों को अपने घर पर अपने साथ रखकर उनकी पढ़ाई पूरी करवा चुकी हैं. समाजसेवी वंदना दत्ता से बात करने पर उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनके पास 3 बच्चे रह रहे हैं. जिसमे एक एक बच्चा शिवम 11 वीं की पढ़ाई कर रहा है. दूसरी जयंती जो कि बीए की पढ़ाई पूरी कर चुकी है. उन्हीं के एक विद्या मंदिर नामक स्कूल जहां 8वीं कक्षा तक के बच्चों को निम्न शुल्क में पढ़ाया जाता है वहां अध्यापन का कार्य कर रही है. सरकारी नौकरी के बाद समाजसेवावंदना महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी और बाल संप्रेक्षण गृह में अधीक्षिका रह चुकी हैं. इन पदों कर रहते हुए ही उन्होंने जरूरतमंदों के लिए भलाई का कार्य शुरू कर दिया है. वंदना न सिर्फ जरूरतमंद बच्चों को अपने घर पर रखकर उनकी पढ़ाई पूरी करवाती हैं बल्कि समाजहित के कार्य भी करती हैं. वंदना सरगुजा शिल्प सेंटर चलाती हैं, जहां महिलाएं आकर कढ़ाई, बुनाई का कार्य करती हैं. रोजगार प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. इसके साथ ही वंदना अम्बिकापुर सेंट्रल जेल में गोदना शिल्प का प्रशिक्षण भी देती हैं. गरीबों को भोजनइसके अलावा वंदना दत्ता ने गरीब दिहाड़ी मजदूर और अशक्तजनों को रात्रि भोजन भी करवाती है. इस मुहिम में वंदना के साथ शहर की अन्य महिलाएं भी जुड़ चुकी हैं. वंदना ने बताया कि अम्बिकापुर में आस पास के क्षेत्रों से गरीब दिहाड़ी मजदूर अम्बिकापुर के कंपनी बाजार में भूखे पेट सो जाया करते थे. इसलिए वहां रुकने वाले अशक्त जनों और मजदूरों को वंदना सप्ताह में तीन दिन रात्रि भोजन करवाती हैं. किटी पार्टी का बदला नामवंदना ने बताया कि महिलाएं किटी पार्टी किया करती हैं, उन्होंने इस किटी पार्टी का नाम बदलकर सेवा किटी रखा है. जिसमे शहर और शहर से बाहर की 60 महिलाएं जुड़ी हैं. इस सेवा किटी में पार्टी के स्थान पर सेवा की जाती है. सेवा किटी के माध्यम से अब तक 8 से 9 लाख रुपए गरीबों के लिए अस्पताल में मुफ्त चाय और शीतल पेय जल पर खर्च कर चुकी हैं. कोरोना के दौरान मददइसके अलावा वंदना ने यह भी बताया कि कोविड के समय जिन घरों में महिलाएं बीमार हो जाती थीं. उसने संपर्क कर एक घंटे के अंदर 50 परिवारों को खाना उन्होंने 2 महीनों तक पहुंचाया है. वंदना बताती हैं कि उन्होंने शादी नहीं की. इनकी मां और इनके साथ रह चुके बच्चे ही इनका परिवार है. वंदना हर प्रकार से गरीब और असहाय लोगों की सहायता में तत्पर रहती हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: International Women DayWomen March 05, 2023, 07:18 IST [ad_2] Source link