KORBA: आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन समय पर हो तथा बच्चों एवं महिलाओं को योजनाओं का लाभ मिले- कलेक्टर अजीत वसंत

KORBA: Anganwadi centers should be operated on time and children and women should get benefits of the schemes – Collector Ajit Vasant.

हाइलाइट

  • कलेक्टर ने की महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा
  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एवं नोनी सुरक्षा योजना में प्रगति लाने के दिये निर्देश

कोरबा/छत्तीसगढ़ :कलेक्टर अजीत वसंत ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं की गहन समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि जिले के सभी आंगनबाडी केन्द्र निर्धारित समय के अनुसार संचालित हों तथा शासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। कलेक्टर ने आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों की संख्या बढ़ाने तथा नोनी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रगति लाने के निर्देश देते हुए कहा कि आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से पात्र हितग्राहियों को योजनाओं से लाभान्वित किया जाये। पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराया जाए तथा संतृप्तीकरण मोड में कार्य कर प्रगति लाई जाए। उन्होंने भवन विहीन, बिजली विहीन और जर्जर आंगनवाड़ी केंद्रों की तस्वीर बदलने की दिशा में पहल करते हुए सभी केंद्रों की जानकारी देने का भी निर्देश दिया है।

महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं की समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिया कि आंगनबाडी केन्द्र समय पर खुलने एवं बंद होने के साथ बच्चों की उपस्थिति पर्याप्त होनी चाहिए। इस बात का ध्यान रखा जाए कि केन्द्र में कोई भी कार्यकर्ता, सहायिका एवं सेक्टर पर्यवेक्षक बिना लिखित सूचना एवं अनुमति के मुख्यालय एवं कार्य क्षेत्र से अनुपस्थित न रहे। उन्होंने विभागीय योजनाओं को पारदर्शिता के साथ सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने के लिए सेक्टर सुपरवाइजरों, सीडीपीओ व डीपीओ को अपने अधीनस्थों को मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया. कलेक्टर ने आंगनबाडी केन्द्रों के संचालन में बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं सेक्टर पर्यवेक्षकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए निर्देश दिये कि पर्यवेक्षक लगातार फील्ड का निरीक्षण करें तथा एक केन्द्र का कम से कम 15 दिन के अन्दर दो बार निरीक्षण अवश्य करें।

 

उन्होंने बिना सूचना के अनुपस्थित रहने वाली आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही करने के भी निर्देश दिये। कलेक्टर ने सभी सेक्टर पर्यवेक्षकों को पोषण ट्रैकर अधिनियम में जानकारी दर्ज करने, हितग्राहियों का आधार सत्यापन करने, स्कूल छोड़ने वाली किशोरियों की जानकारी दर्ज करने और पोषण आहार उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। उन्होंने महिला जागृति शिविर, सक्षम योजना, छत्तीसगढ़ महिला कोष की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जरूरतमंद और पात्र महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सक्षम योजना और अन्य वित्तीय सहायता प्रदान की जाए। नवा विहान योजना, सखी वन स्टॉप सेंटर, मिशन वात्सल्य की समीक्षा करते हुए बाल संप्रेक्षण गृह की सतत निगरानी करने तथा शासन द्वारा निर्धारित योजनाओं एवं सुविधाओं का लाभ बच्चों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। कलेक्टर ने विभाग से जुड़े अपने अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अवकाश, चिकित्सा, यात्रा भत्ता आदि के आवेदनों का भी समय-सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिये।

कलेक्टर अजीत वसंत ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दिये कि कुपोषण एक गंभीर समस्या है। इससे बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर असर पड़ता है। आज के बच्चे कल का भविष्य हैं, हमें अपने देश का भविष्य सुधारना है। हम सभी को यह जिम्मेदारी लेनी होगी कि कोई भी बच्चा कुपोषण का शिकार न हो, इस दिशा में काम करते हुए उन्हें आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से समय पर गर्म भोजन, अंडा, फल और पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराना जरूरी है। कलेक्टर ने किशोरी बालिकाओं, गर्भवती महिलाओं और शिशुवती महिलाओं को समय पर गर्म भोजन, रेडी टू ईट जैसे पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये।

 

कलेक्टर ने सभी आंगनबाडी केन्द्रों की दीवारों पर बच्चों, महिलाओं एवं किशोरियों को प्रतिदिन दिये जाने वाले भोजन एवं पोषण आहार की जानकारी लिखने के निर्देश दिये। उन्होंने शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुरूप भोजन वितरण एवं केन्द्रों के संचालन समय का उल्लेख दीवारों पर करने के निर्देश दिये। उन्होंने आंगनबाडी केन्द्रों में कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को बिना किसी दबाव, पारदर्शिता एवं पात्रता के अनुरूप तथा किसी भी नियुक्ति में नियमों का उल्लंघन किये बिना भरने के निर्देश दिये।

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