Home Chhattisgarh KORBA: 60 हाथियों की चिंघाड़ से थर्रा उठा कुदमुरा जंगल, ग्रामीण दहशत में

KORBA: 60 हाथियों की चिंघाड़ से थर्रा उठा कुदमुरा जंगल, ग्रामीण दहशत में

by KBC World News
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60 हाथियों की चिंघाड़ से थर्रा उठा कुदमुरा जंगल, ग्रामीण दहशत में

कोरबा और कटघोरा वनमंडल में घूम रहे 110 हाथी

कोरबा।जिले के कोरबा और कटघोरा वनमंडल में बड़ी संख्या में हाथी मौजूद हैं।कोरबा अंतर्गत कुदमुरा वन परिक्षेत्र में एक बार फिर हाथियों ने दस्तक दी है। 60 हाथियों की चिंघाड़ से कुदमुरा जंगल थर्रा उठा है। हाथी खेतों में लगी धान की फसल को चट कर रहे हैं। जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग हाथियों की निगरानी में लापरवाही बरत रहा है, जिसके कारण हाथी खेतों में पहुंचकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनका कहना है कि हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा जाना चाहिए। इसके अलावा हाथियों के हमले का भी खतरा बना हुआ है। हाथियों की चहलकदमी से ग्रामीण दहशत में हैं। किसान फसल कटाई के लिए जंगल के नजदीक स्थित खेतों में जाने से भी डर रहे हैं। कई इलाकों में ग्रामीणों ने खुद ही निगरानी शुरू कर दी है। कई किसानों ने धान की कटाई कर खलिहान में रख दिया है। धान की गंध पाकर हाथियों के गांव में घुसने का खतरा बना हुआ है।कोरबा वनमंडल के कटघोरा में 50 और कुदमुरा में 60 हाथियों के विचरण से ग्रामीण दहशत में हैं।

इसी तरह वनमंडल कटघोरा में विचरण कर रहे 50 हाथियों का झुंड रविवार को कोरिया जिले की सीमा में पहुंच गया। हाथी धान की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके चलते ग्रामीण निगरानी में भी जुटे हैं।हाथियों का झुंड पसान और केंदई रेंज से पनगवा होते हुए आगे बढ़ रहा है। यह इलाका सिरमिना सर्किल में आता है। हाथियों के विचरण से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। शाम के समय हाथी अलग-अलग झुंड में विचरण करते हैं। पिपरिया के नाले में एक टस्कर हाथी पानी पीता नजर आया। हाथी आगे भी बढ़ सकते हैं और वापस भी आ सकते हैं। इसके चलते टीम निगरानी कर रही है।

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