पटना: प्राकृतिक एवं हरित खेती विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला,180 किसानों ने भाग लिया

Patna: One day workshop on natural and green farming, 180 farmers participated

बिहार : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में दिनांक 22 मार्च  को “प्राकृतिक एवं हरित खेती” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें बक्सर जिले के विभिन्न प्रखंडों से लगभग 180 किसानों ने भाग लिया | कार्यक्रम के शुरुआत में किसानों को संस्थान के विभिन्न प्रक्षेत्रों, जैसे प्राकृतिक एवं जैविक खेती, औषधीय पौधों, पोषण वाटिका, समेकित कृषि प्रणाली मॉडल, पशुपालन, एवं समेकित मत्स्य पालन का भ्रमण कराया गया, जिसमें अलग-अलग विषयों के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को नई एवं उन्नत तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई ताकि किसान इन तकनीकों को अपनाकर आय में वृद्धि कर सके।

निदेशक डॉ. दास ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि रासायनिक उर्वरक का अंधाधुंध प्रयोग न सिर्फ हमारी मिट्टी बल्कि हमारे स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है, इसलिए हमें रासायनिक उर्वरक का प्रयोग धीरे-धीरे कम करना है तथा गोबर एवं जैविक खाद का अधिकाधिक प्रयोग करना है । साथ ही साथ, उन्होंने खेती में बहुउद्देशीय वृक्षों को व्यापक रूप में शामिल करने की सलाह दी ताकि किसानों की आय में भी वृद्धि हो और हमारा पर्यावरण स्वच्छ एवं संतुलित बना रहे।

You Might Be Interested In

संस्थान के सभी प्रभागाध्यक्षों; डॉ. आशुतोष उपाध्याय, डॉ. कमल शर्मा,  डॉ. संजीव कुमार एवं  डॉ. उज्ज्वल कुमार ने प्राकृतिक एवं हरित खेती के महत्त्व, समेकित रूप से उर्वरक एवं जैविक खाद के प्रयोग से पोषण सुरक्षा, जल प्रबंधन तकनीक तथा  सामाजिक-आर्थिक प्रभाव के बारे में बताया, डॉ. अमरेन्द्र कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, अटारी पटना ने फलदार पौधों की खेती के उन्नत तकनीकों की जानकारी दी | कार्यक्रम में आये किसानों ने भी प्राकृतिक एवं हरित खेती से होने वाले लाभ पर अपने-अपने अनुभव साझा किए।

इस कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. शिवानी, प्रधान वैज्ञानिक; डॉ. रजनी कुमारी, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. तन्मय कुमार कोले, वरिष्ठ वैज्ञानिक; डॉ. वेद प्रकाश, वैज्ञानिक; डॉ. अभिषेक कुमार, वैज्ञानिक; डॉ. कुमारी शुभा, वैज्ञानिक; डॉ. कीर्ति सौरभ, वैज्ञानिक, डॉ. सुरेन्द्र कुमार अहिरवाल, वैज्ञानिक; प्रेम पाल, तकनीकी अधिकारी  एवं  उमेश कुमार मिश्र, हिंदी अनुवादक का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

Related posts

UP : मेरठ में तीन मंजिला मकान गिरने से 10 लोगों की मौत

ओडिशा को मिलेंगी तीन नई वंदे भारत ट्रेनें

केदारनाथ मार्ग पर भूस्खलन से पांच लोगों की मौत