प्रेसवार्ता : राजस्थान-बंगाल में महिलाओं के दुष्कर्म-दरिंदगी की घटनाएँ निंदनीय,अशोक गहलोत और ममता बनर्जी दोषियों पर कार्यवाई की बजाय राजनैतिक रोटियाँ सेंकने में व्यस्त-केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर

राजस्थान में महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, एसिड अटैक और दिन दहाड़े हत्या जैसी घटनाएँ बढ़ रही हैं, कार्रवाई कुछ भी नहीं।पिछले 4 वर्षों में महिला अपराध की 1,9000 घटनाएँ, 33000 से ज़्यादा रेप केस, देश की 22 फीसदी दुष्कर्म की घटनाएं अकेले राजस्थान में

नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना-प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने देश के कुछ राज्यों में महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रही आपराधिक घटनाओं को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं मानवता को शर्मसार करने वाली है. चूँकि कानून व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी होती है, फिर भी संबंधित राज्यों में महिला उत्पीड़न के खिलाफ कोई उचित कदम नहीं उठाए गए. महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म जैसी जघन्य घटनाओं को भी कुछ विपक्षी नेता राजनीतिक चश्मे से देखते हैं.

दूसरी और, राजस्थान में नित्य प्रायः जिस प्रकार महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, एसिड अटैक और दिन दहाड़े हत्याओं जैसी घटनाएँ बढ़ रही हैं और उस पर कोई कार्रवाई भी नहीं होती, उससे एक शांतप्रिय राज्य राजस्थान के लोग मर्माहत हैं. पिछले 5 वर्षों में महिला अपराध के मामलों में राजस्थान नंबर वन राज्य बन गया है. महिला अपराध की 1,9000 घटनाएँ राजस्थान में पिछले 4 वर्षों में, वहां की अशोक गहलोत सरकार के शासन कल में घटित हुई है. देश की 22 फीसदी महिला दुष्कर्म की घटनाएं अकेले राजस्थान से दर्ज हुई हैं.

केन्द्रीय मंत्री ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने दो दिन पूर्व कहा था कि महिला अपराध के मामलों में राज्य सरकारों को कड़े कदम उठाने चाहिए, लेकिन राजस्थान की गहलोत सरकार ने सोनिया जी और राहुल जी के आदेश पर कड़े कदम उठाते हुए अपने ही एक मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त कर दिया, वह भी इसलिए कि गुढ़ा जी ने दूसरे राज्यों में झाँकने की बजाय राजस्थान में जो महिलाओं बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएँ लगातार हो रही हैं, उस पर चिंता और चर्चा की जाए. गुढ़ा जी ने सदन में एक बहुत बड़ी बात भी कही कि प्रदेश में मुख्यमंत्री का इकबाल ख़त्म हो चुका है, राजस्थान में अराजकता का माहौल है, मुख्यमंत्री गहलोत जी विधानसभा न आते हैं और न ही जवाब देते हैं. राजस्थान के एक मंत्री द्वारा, जो साढ़े चार साल तक सरकार में रहे, अपने ही मुख्यमंत्री पर सवाल उठाना अपने आप में बड़ी बात है.

राजस्थान में महिलाओं के साथ हो रही निर्मम घटनाओं पर भी वहां सत्ता में बैठे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शांति धारीवाल जी सदन के पटल पर कहते हैं कि बलात्कार इसलिए होते हैं कि यह मर्दों की भूमि है. धारीवाल के इस बयान पर सदन में पूरे कांग्रेसी विधायक ठहाका लगाते हुए मजाक उड़ाते हुए नजर आते हैं. सोनिया जी, प्रियंका जी, राहुल जी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे जी क्या इस पर कुछ बोलेंगे भी या चुप्पी साधे रहेंगे? क्या राजस्थान में हो रहे महिला अपराध के लिए अशोक गहलोत जी अपने पद से इस्तीफा देंगे. प्रियंका वाड्रा जी उत्तर प्रदेश जाकर कहती हैं कि लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ, लेकिन राजस्थान नहीं जा सकती हूँ, बिहार पर मुंह में दही जमा सकती हूँ और बंगाल पर होंठ सील सकती हूँ.

मुख्यमंत्री के निवास स्थल से पांच किमी दूरी पर, वैशाली नगर में एक बच्चे के सामने उसकी मां के साथ दुष्कर्म कर उसे मरने पर मजबूर किया जाता है. करौली में एक दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर उसके चेहरे पर तेजाब फेंककर कुँए में इसलिए फेंक दिया जाता है ताकि उसकी शिनाख्त न हो सके. दौसा में एक आदिवासी महिला का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म किया जाता है और एसिड डालकर हत्या कर दी जाती है. उदयपुर में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसके टुकड़े टुकड़े कर जंगल में फेंक दिया जाता है. पिछले माह खाजूवाला में पुलिस की मिलीभगत से एक दलित युवती के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी जाती है, लेकिन शासन-प्रशासन मूक दर्शक बनी रहती है. मुख्यमंत्री गहलोत जी के ही गृहनगर जोधपुर में, एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार उन तीन दरिंदो ने किया जिसे महिला भाई मानती थी. राजस्थान के मुख्यमंत्री तो सोए है, लेकिन जो लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ कहने वाली कहाँ हैं?

केंद्रीय मंत्री ने पश्चिम बंगाल में बढ़ रही हिंसा और महिला अपराध पर निशाना साधते हुए कहा कि ममता बनर्जी के दिल में ममता बची है या नहीं, यह सवाल खड़ा होता है. पश्चिम बंगाल में हावड़ा जिले के पांचला इलाके में, पंचायत चुनाव के दिन, भाजपा की एक ग्राम पंचायत प्रत्याशी को टीएमसी के 40 गुंडों ने निर्वस्त्र करके घुमाया गया, पीटा गया। मालदा में एक महिला को पीट पीटकर अर्धनग्न कर घुमाया जाता है, उसका विडियो बनाया जाता है. कहाँ है ममता जी ममता? कहाँ है सरकार? फरवरी 2020 में हल्दिया में सद्दाम हुसैन और मंजूर मलिक जैसे दरिंदे ने एक माँ-बेटी के साथ दुष्कर्म कर उन्हें जलाकर मार डाला, पश्चिम मेदिनीपुर में टीएमसी के गुंडों ने एक आदवासी महिला के साथ दुष्कर्म कर हत्या कर दी, 3 फरवरी 2020 में दक्षिण दिनाजपुर जिले में टीएमसी के एक नेता ने गुंडों के साथ मिलकर एक महिला के हाथ-पाँव बंधकर घसीटा गया, उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया. अप्रैल 2018 में दक्षिण 24 परगना में भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता की पिटाई कर निर्वस्त्र किया गया और घुमाया गया. ये सारी घटनाएं जनता के सामने है, लेकिन राष्ट्रीय मीडिया से परे है.

उधर, बिहार के बेगुसराय जिले में एक युवती के साथ हुए दुष्कर्म और दुर्व्यवहार का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वहां के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री का इस मामले में चुप्पी दर्शाता है कि बिहार में महिलाओं के साथ अपराध बढ़ रहे हैं और अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण भी मिल रहा है.

चाहे पश्चिम बंगाल की ममता सरकार हो, बिहार की जदयू-राजद की सरकार हो या फिर राजस्थान की कांग्रेस सरकार हो, इन राज्यों में महिलों के साथ अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन न केवल मूक दर्शक बनी बैठी है, बल्कि अपराधियों को यहाँ राजनीतिक संरक्षण भी मिला हुआ है. ये गठबंधन की बात करते हैं, लेकिन गठबन्धन के एक भी सदस्य ने इन घटनाओं पर बोलना उचित नहीं समझा. कहाँ हैं अवार्ड वापसी गैंग के लोग? कहाँ गए कैंडल मार्च वाले लोग? कहाँ गए फ्रीडम ऑफ़ स्पीच की बात करने वाले लोग?

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