गुरुकृपा से ही होगा उद्धार,गुरु के बताए हुए मार्ग पर चलें-ओंकारानन्द महराज

Salvation is possible only by the grace of the Guru, follow the path shown by the Guru – Omkaranand Maharaj

कोरबा/छत्तीसगढ़ : तौलीपाली में एक दिवसीय गीता भागवत ज्ञान कथा का आयोजन किया,ब्यासपीठ से ओंकारानन्द महराज ने भगवान राम के गुरुकुल की शिक्षा दीक्षा प्रसंग पर कथा सुनाया और कहा कि भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम है,वे महर्षि वशिष्ठ के गुरुकुल में शिक्षा हासिल किए।किशोरावस्था में गुरु विश्वामित्र के साथ शिक्षा हासिल के वन चले गए। उस समय ताड़का नामक राक्षसी विश्वामित्रजी की तपोभूमि में निवास करने लगी थी तथा अपनी राक्षसी सेना के ऋषियों कष्ट दिया करती थी। गुरु विश्वामित्रजी के आदेश प्रभु श्री राम  ने ताड़का वध किया।  गुरु विश्‍वामित्र ने उन्हें साथ ले जनकपुर ले गये। वहां राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के विवाह के लिए एक स्वयंवर समारोह आयोजित किया था। जहां भगवान शिव का एक धनुष था जिसकी प्रत्‍यंचा चढ़ाने दस हजार शूरवीर राजा नही चढ़ा पाए। तब विश्‍वामित्र जी की आज्ञा पाकर श्री राम ने धनुष उठा कर प्रत्‍यंचा चढ़ाने पर महान धनुष घोर ध्‍‍वनि करते हुए टूट गया।और माता सीता ने भगवान राम को वरमाला डाला। उन्होंने ने बताया कि गुरुकृपा से मनुष्य का उद्धार हो सकता है।गुरु के बताए हुए मार्ग पर चलने से सभी काम सफल होते हैं।

भोग भन्डारे का में सैकड़ों लोंगो ने किया प्रसा ग्रहण

विशाल भंडारे में सैकड़ों संख्या में पहुंचकर लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया तत्पश्चात भजन कीर्तन का आनंद उठाया। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर आयोजन समिति द्वारा भव्य भंडारा का आयोजन किया गया। ग्रामीणों ने इस विशाल भन्डारे में चढ़बढ़ का सहयोग किया और कार्यक्रम को सफल बनाया।

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