National New Delhi आत्मनिर्भर भारत : 11 राज्यों के 49 जिलों में mega oil palm वृक्षारोपण का किया आयोजन,कई कम्पनियों ने भाग लिया KBC World NewsAugust 12, 2023053 views Self-reliant India: mega oil palm plantation organized in 49 districts of 11 states, many companies participated नई दिल्ली : खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन-ऑयल पाम के तहत , राज्य सरकारों ने ऑयल पाम प्रसंस्करण कंपनियों के साथ मिलकर ‘मेगा ऑयल पाम वृक्षारोपण अभियान’ का शुभारंभ किया। 25 जुलाई 2023 को शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य ऑयल पाम की खेती को और बढ़ावा देना, खाद्य तेलों के उत्पादन में देश और किसानों को ‘आत्मनिर्भर’ बनाना शामिल है। इस अभियान के से 2025-26 तक पाम ऑयल की खेती में 6.5 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को बढ़ाने में मदद मिलेगी। फाइल फोटो आयल कंपनियों ने लिया भाग आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, कर्नाटक, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा इसके प्रमुख तेल उत्पादक राज्य हैं। पतंजलि फूड प्राइवेट लिमिटेड, गोदरेज एग्रोवेट और 3एफ जैसी ऑयल पाम प्रसंस्करण कंपनियों ने इस अभियान में सक्रिय रूप से भागीदारी की। इसके अतिरिक्त कई कल्टीवेशन और नवभारत जैसी अन्य क्षेत्रीय कंपनियों ने भी इस अभियान में भाग लिया। Read also : INDIA: अंग्रेजों के जमाने के कानून होंगे खत्म, गृहमंत्री ने पेश किए 3 बिल, नाबालिग से दुष्कर्म और मॉब लिंचिंग मामलों में होगी सजा-ए-मौत 3500 हेक्टेयर क्षेत्र में 5 लाख से अधिक वृक्षारोपण मेगा ऑयल पाम वृक्षारोपण अभियान का समापन 12 अगस्त 2023 को हुआ। इस अभियान के माध्यम से, राज्य और कंपनियां 11 राज्यों के 49 जिलों के 77 गांवों में 7000 से अधिक किसानों तक पहुंचने में सक्षम रही और इस दौरान लगभग 3500 हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल करते हुए 5 लाख से अधिक वृक्षारोपण किया गया। Read also ; OMG 2 और GADAR 2 के बीच कड़ी टक्कर,बॉक्स ऑफिस पर मचा रहे धमाल इस व्यापक वृक्षारोपण अभियान के हिस्से के रूप में, कंपनियों ने विभाग के कर्मचारियों के साथ किसानों के लिए ऑयल पाम की खेती पर उत्कृष्ट और व्यापक स्तर पर सघन तकनीकी प्रशिक्षण सेमिनारों का भी आयोजन किया। इन सेमिनारों का उद्देश्य किसानों और कर्मचारियों को प्रबंधन पैकेजों के बारे में अधिक जागरूक बनाना था जिससे पौधों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, उत्पादकता बढ़ेगी और स्थायी आय स्रोतों का सृजन होगा। इस योजना के अंतर्गत, किसानों को गुणवत्ता रोपण सामग्री, फसल के रखरखाव और इंटरक्रॉपिंग के लिए वित्तीय सहायता सहित विभिन्न प्रोत्साहन भी प्रदान किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, किसानों को उनकी उपज के लिए गारंटीकृत कीमतों के साथ एक सुनिश्चित बाजार भी प्रदान किया जाता है।