शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ा, अडानी और संभल मामले पर विपक्ष ने किया हंगामा

शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ा, अडानी और संभल मामले पर विपक्ष ने किया हंगामा

नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ। शीत सत्र के पहले दिन उद्योगपति गौतम अडानी और संभल हिंसा मामले में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इस कारण दोनों सदन की कार्यवाही एक-एक कर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों ही सदनों में शून्यकाल एवं प्रश्नकाल नहीं पाए। 
सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से किए गए संवाद में सभी राजनीतिक दलों से सत्र के दौरान स्वस्थ चर्चा में भाग लेने का आह्वान किया और इसके परिणामोन्मुखी होने की उम्मीद भी जताई। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए मुट्ठीभर लोग हुड़दंगबाजी से संसद को नियंत्रित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका अपना मकसद तो सफल नहीं होता, लेकिन देश की जनता उनके सारे व्यवहार को बारीकी से देखती है और जब समय आता है तो उन्हें सजा भी देती है। पीएम मोदी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि जिनको जनता ने लगातार लगातार नकारा है, वे अपने साथियों की बात को भी नकार देते हैं और उनकी एवं लोकतंत्र की भावनाओं का अनादर करते हैं। 

लोकसभा में सदन की कार्रवाई शुरू होने पर स्पीकर ओम बिरला ने वर्तमान लोकसभा सदस्य रहे वसंत राव चव्हाण और नूरूल इस्लाम तथा पूर्व सदस्यों एमएम लारेंस, एम. पार्वती एवं हरीश चंद्र देवराय चव्हाण के निधन के बारे में सदन को सूचित किया। सदन ने सभी दिवंगतों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। 
इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने अदानी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों के रिश्वतखोरी के आरोपों तथा उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मुद्दे को उठाने का प्रयास किया। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। हंगामे के बीच स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे के लिए स्थगित कर दी। दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर फिर विपक्ष के नेता अडाणी मुद्दे पर हंगामा करते रहे। इस सदन की कार्यवाही को 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई।  

खड़गे ने अडानी का मुद्दा उठाया, राज्यसभा में हंगामा
वहीं राज्यसभा में भी विपक्षी सदस्यों ने अडानी व संभल हिंसा पर हंगामा किया। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में अडानी का मुद्दा उठाया। इस पर राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने उन्हें रोक दिया। धनखड़ ने कहा- इस मुद्दे पर आप जो भी बोलेंगे उसे रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा।

राज्यसभा में धनखड़-खरगे के बीच हुई बहस 
संसद के शीतकालीन सत्र का सोमवार को पहला दिन था। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच बहस हुई। दरअसल धनखड़ ने खड़गे से कहा कि हमारे संविधान को 75 साल पूरे हो रहे हैं। उम्मीद है आप इसकी मर्यादा रखेंगे। इस पर खरगे ने जवाब दिया कि इन 75 सालों में मेरा योगदान भी 54 साल का है, तो आप मुझे मत सिखाइए। इस पर धनखड़ ने कहा- मैं आपको इतना सम्मान देता हूं और आप ऐसा बोल रहे हैं। मुझे दुख पहुंचा है। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इस बार सत्र में अडाणी, मणिपुर हिंसा और ट्रेन दुर्घटनाओं पर हंगामे के आसार हैं। अमेरिका की न्यूयॉर्क फेडरल कोर्ट ने गौतम अडाणी पर सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को लगभग 2,200 करोड़ रुपए की रिश्वत देने की पेशकश का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने इस मामले पर जेपीसी  की मांग रखी है।

इन मुद्दों पर चर्चा चाहता है विपक्ष
1. अडानी रिश्वतकांड और संभल हिंसा पर : इस मुद्दे पर पूरा विपक्ष एकजुट होकर चर्चा करने की मांग कर रहा है. विपक्ष लगातार सरकार पर अडानी को बचाने का आरोप लगा रहा है. शीतकालीन सत्र के पहले दिन के शुरुआती घंटे में इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ और सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा. 12 बजे के बाद जब कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस और सपा ने संभल मुद्दे पर चर्चा की मांग की. इसे लेकर दोनों दलों के सांसद नारेबाजी करने लगे. हंगामा देखकर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई. ऐसे में अब इस मुद्दे पर अगे भी जोरदार हंगामे के आसार हैं।

2. मणिपुर हिंसा : मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा तेज हो गई है। वहां के हालात बहुत खराब हैं. इस मुद्दे पर विपक्ष शुरू से ही पीएम पर हमला बोल रहा है. विपक्ष इस पर भी चर्चा चाहता है. इसे लेकर आगे हंगामे के आसार हैं।

3. बढ़ता प्रदूषण : विपक्षी दल दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण और इसके समाधान के लिए सरकार के उपायों को जानने के लिए भी इस पर चर्चा चाहता है।

4. ट्रेन हादसों पर : देश में पिछले एक साल में ट्रेन हादसों में बढ़ोतरी हुई है. विपक्ष इस पर भी संसद में चर्चा करना चाहता है।

5. वक्फ बिल पर : विपक्ष के मुद्दे से अलग कुछ ऐसे विधेयक इस सत्र में रखे जाएंगे जिन पर काफी हंगामा हो सकता है. इसमें सबसे पहला विधेयक वक्फ संशोधन से जुड़ा है. इस पर जेपीसी में ही लगातार हंगामा हो रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में भी भारी हंगामा होगा।

6. एक देश एक चुनाव पर : इस सत्र में एक देश-एक चुनाव से जुड़ा विधेयक भी रखने की चर्चा है. माना जा रहा है कि अगर यह विधेयक सदन में आएगा तो विपक्षी दल इसे लेकर हंगामा कर सकते हैं।

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