Home Chhattisgarh कुदमुरा वनांचल क्षेत्र में सड़क बिजली स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी, अब मुख्यमंत्री पर आस लगाए ग्रामीण

कुदमुरा वनांचल क्षेत्र में सड़क बिजली स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी, अब मुख्यमंत्री पर आस लगाए ग्रामीण

by KBC World News
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कोरबा/छत्तीसगढ़ : कुदमुरा वनांचल क्षेत्र में मुलभूत सुविधा की कमी है,क्षेत्र में बिजली,स्वास्थ्य, पानी जैसी समस्याओं से ग्रामीणों को जूझना पड़ रहा है,ऐसे में ग्रामीण नाराज है।आगामी एक दो दिनों में सीएम भुपेश बघेल का भेंट मुलाकात का कार्यक्रम होने को है,ग्रामीण समस्याओं को उक्त मांग को रखेंगें।

  • ये रही क्षेत्र की प्रमुखकी समस्याएं

कुदमुरा वनांचल क्षेत्र के 20 से अधिक ग्राम पंचायत आते है जो चुइया मांडनदी और और जंगल से घिरा हुआ है।आजादी के बाद ग्रामीण बैंक खुली,लोगो को बैंकिग काम कुदमुरा में होने लगा,बाद में शाखा बन्द हो गई।अब सदियों से बसे आदीवासियो को ग बैंकिंग की सुविधा से वंचित है। बैंकिंग की सुविधा नहीं होने के कारण गर्भवती महिलाओं को पैसा निकालने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।अब मीलो का सफर तय करना पड़ता है तब जाकर बैंक से सम्बंधित काम होते हैं।

झगरहा-कोरकोमा-मदनपुर मार्ग ऊबड़ खाबड़,कुदमुरा-मदवानी जर्जर हो चुकी है। रामपुर से कुदमुरा मार्ग सबसे ज्यादा जर्जर है। क चिर्रा से श्यांग मार्ग पक्की सड़क नही बन सकी जो अभी लोक निर्माण विभाग के फाइलों में सिमटी हुई है। न ही इन मार्गों को विकसित नहीं किया गया और न ही मरम्मत का हो रहा है।

वनांचल क्षेत्र में स्वास्थ्य को लेकर असुविधा का अभाव।कुदमुरा,रामपुर, मदवानी, चोरभट्ठी,मदनपुर, बरपाली, स्यांग, अजगर बहार ,स्यांग, में स्टाफ की कमी है वही कर्मचारी कार्यक्षेत्र से नदारद रहते है।कुछ भवन जर्जर स्तिथि में है।फिर भी इन भवनों में संचालित हो रहा है।जिससे आम जनो को स्वास्थ्य के सुविधा का लाभ नही मिल रहा है।केंद्र सरकार व राज्य सरकार से चल रही जनकल्याणकारी योजनाओ का जनता तक लाभ नही मिल रहा है।

वनांचल क्षेत्र के कई गांव ऐसे है जहां मोबाईल नेटवर्क नही है, मोबाइल नेटवर्क की कनेक्टिविटी नहीं मिलने से कोल्गा,बताती और गितकुवारी के ग्रामीण परेशान हैं। सोशल मीडिया और संचार क्रांति के इस दौर में मोबाइल नेटवर्क के अभाव में शासन की ऑनलाइन योजनाओं और सुविधाओं का लाभ भी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। 108 एंबुलेंस और 112 डायल की जरूरत पड़ने पर ग्रामीणों को नेटवर्क की तलाश में भटकना पड़ता है।
इंटरनेट की दुनिया में थ्री जी और फोर जी की सुविधा से भी कई गांव अभी दूर हैं। जिससे आनलाइन पठन-पाठन के साथ ही अन्य गतिविधियां भी प्रभावित चल रही हैं।लोग सिग्नल तलाशने के लिए भटकते है।

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