छत्तीसगढ़ में सब कुछ अच्छा नही चल रहा है,किसान परेशान है उनकी बातें प्रशासन नही सुन रही है।जिसका जीता जागता उदाहरण कबीर धाम जिले के सुतियापाट जलाशय से 16 किलोमीटर लंबी नहर स्वीकृति के पांच साल बाद भी विस्तारीकरण नहीं होना। जिससे क्षेत्र किसान अब आर पार लड़ाई के मूड में आ गए है। इसे लेकर क्षेत्र के 26 गांव के किसान आहत हैं। पूर्व में निवेदन, ज्ञापन, पैदल मार्च, जल सत्याग्रह, कलेक्ट्रेट घेराव करने के बावजूद शासन- प्रशासन की ओर से कोई उचित कदम नहीं उठाया।
क्योंकि पिछली सरकार में जो नहर के काम मंजूर हुए थे, उसे जल संसाधन के नुमाइंदे अब तक पूरा नहीं कर पाए हैं। सुतियापाट बांध के लेफ्ट केनाल से 26 गांवों को सिंचाई सुविधा देने 16 किमी लंबी नहर बननी थी। वर्ष 2018 में पूर्ववर्ती सरकार ने 16.50 करोड़ स्वीकृत कर दिया था, लेकिन 5 साल बाद भी काम शुरू नहीं होने से इसकी लागत 3 गुना बढ़कर 48 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। फिर भी प्रोजेक्ट की फाइल राजधानी घूम रही है।
ऐसे में परेशान किसानों ने आगामी विधानसभा चुनाव 2023- 24 के बहिष्कार करने का फैसला लिया है। किसानों ने आगामी विस चुनाव के बहिष्कार करने 50 रुपये के स्टाम्प पर संकल्प पत्र भरा है और भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों के साथ सहसपुर लोहारा एसडीएम चुनाव बहिष्कार को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को संकल्प पत्र सौंपा है। किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि नहर नहीं बनने पर 26 गांव के किसान मतदान नहीं करेंगे।
छत्तीसगढ़ : 26 गाँव के किसान परेशान,आगामी विधानसभा चुनाव का किया बाहिष्कार
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