Home Chhattisgarh कलेक्टर ने ग्रामीणों से पूछा – गाँव में बिजली रहती है? स्कूल, आंगनबाड़ी कब खुलता है, पानी कहां से पीते हो ?

कलेक्टर ने ग्रामीणों से पूछा – गाँव में बिजली रहती है? स्कूल, आंगनबाड़ी कब खुलता है, पानी कहां से पीते हो ?

by KBC World News
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लेमरू सहित आसपास के गाँव में जाकर कलेक्टर ने धरातल में परखी योजनाओं की वस्तुस्थिति

कलेक्टर ने किया सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण का निरीक्षण

कोरबा ( छत्तीसगढ़) : गाँव में बिजली रहती है या नहीं ? स्कूल और आंगनबाड़ी कब खुलते हैं? शिक्षक समय पर आते हैं या नहीं ? पीने के पानी की क्या व्यवस्था है? प्रधानमंत्री आवास बना है न, कोई पैसा तो नही माँगता ? कुछ ऐसे ही सवालों के साथ जिले के कलेक्टर संजीव कुमार झा ने आज कोरबा ब्लॉक के दूरस्थ ग्राम लेमरू और तेन्दुभांठा में न सिर्फ धरातल में जाकर शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन को देखा बल्कि विकास कार्यों की वस्तुस्थिति को भी परखा। उन्होंने सरपंच सहित ग्रामीणों से चर्चा करते हुए उन्हें योजनाओं की जानकारी दी और इसका लाभ उठाने कहा। कलेक्टर ने ग्राम तेन्दुभांठा में सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने सर्वेक्षण कार्य कर रहे प्रगणकों से सर्वे की जानकारी ली और ग्रामीणों से शासन की योजनाओं गांव के विकास कार्यों की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने यहाँ प्रधानमंत्री आवास की स्थिति, पेयजल उपलब्धता के लिए बोर हेतु प्रस्ताव देने के निर्देश भी दिए। ग्राम लेमरू के पंचायत भवन में चौपाल लगाकर सरपंच आनन्द राम मँझवार और ग्रामीणों से गाँव की समस्याओं की जानकारी ली। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृति, निर्माण की स्थिति, वन अधिकार पत्र, तेंदूपत्ता बोनस, संग्राहकों के बीमा, स्कूली विद्यार्थियों के जाति प्रमाणपत्र, हायर सेकेंडरी स्कूलों और अध्यापन स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी में उपस्थिति,विद्युत व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर झा ने ग्राम सभा में प्रस्ताव कर वन अधिकार पत्र पर कार्यवाही करने, बारिश में क्षतिग्रस्त हुए मकानों के मुआवज़ा राशि नहीं मिलने की शिकायत सामने आने पर तहसीलदार और पटवारी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शीघ्र ही मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने वन्यजीव और प्राकृतिक आपदा से होने वाली जनहानि का मुआवजा प्रकरण भी तैयार करने के निर्देश दिए। सरपंच सहित ग्रामीणों ने बैंक और डाक घर नहीं होने से पेंशन प्राप्त करने में आ रही समस्या, जरूरी सूचनाओं की जानकारी समय पर नहीं मिल पाने और नल से पानी आपूर्ति की भी जानकारी दी तो कलेक्टर झा ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने लेमरू और देवपहरी में 15 दिन के भीतर गौठान(आवर्ती चराई) प्रारंभ करने के निर्देश दिए। इस दौरान पूर्व विधायक श्यामलाल कँवर, डीएफओ अरविंद पीएम, जिला पंचायत सीईओ नूतन कुमार कँवर, एसडीएम श्रीमती सीमा पात्रे, जनपद सीईओ विकास चौधरी भी उपस्थित थे।

रेत घाट के लिए प्रस्ताव देने के निर्देश

ग्रामीणों द्वारा निर्माण कार्यों के लिए रेत के लिए आने वाली समस्याओं को बताया गया। उन्होंने चोरनई नदी में रेत की उपलब्धता बताई तो कलेक्टर ने रेत खदान प्रारंभ करने के लिए ग्राम सभा से प्रस्ताव प्रस्तुत करने, पर्यावरण क्लियरेंस के संबंध में जनपद सीईओ को आवश्यक निर्देश दिए।

सरपंच जी आपको पता है 20 क्विंटल धान बेच सकते हैं

कलेक्टर श्री झा ने लेमरू पंचायत भवन में विकास कार्यों की जानकारी लेने के साथ शासन की योजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होंने सरपंच से पूछा कि सरपंच जी क्या आपको पता है कि अब आप भी 20 क्विंटल धान प्रति एकड़ बेच सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री की घोषणा की जानकारी देते हुए बताया कि आप सभी किसान अब 20 क्विंटल धान बेच सकते हैं। उन्होंने भूमिहीन कृषकों की जानकारी लेते हुए बैगा, गुनिया को भी इससे लाभान्वित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के विषय में बताते हुए इसके फायदे को भी बताया।
स/कमलज्योति

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