BJP and Congress candidates did not make any big announcements in the tribal forest areas
छत्तीसगढ़: कोरबा जिले के वनांचल कुदमुरा -लेमरू क्षेत्र में बाहुल्य आदीवासी क्षेत्र है यहाँ आदिवासी परिवार शिक्षा सड़क,बिजली और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे है।आदिवासी परिवारों ने कई मर्तबा आवाज उठाई लेकिन क्षेत्र के विकास पर कोई ध्यान नही दिया गया।
आगामी दिनों में लोकसभा चुनाव होने वाली है भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों द्वारा अपनी पार्टी का प्रचार-प्रसार जोर शोर से कर रही है लेकिन आदिवासी क्षेत्र में कोई बड़ी घोषणाएं अब तक नही की।
क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की कमी
कुदमुरा वनांचल क्षेत्र में आदिवासी समुदाय घनो जंगलों के बीच निवास करता है।यहां आज भी पानी,बिजली,शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की बड़ी कमी है।आज भी यहां के लोग ढोढ़ी और नदियों का पानी को मजबूर है। और रात अंधेरे में काटने को विवश है,क्षेत्र में एक भी महतारी 102 एम्बुलेंस नही है,उच्च शिक्षा के लिए 70 किलोमीटर दूर या अन्य जिलों पर निर्भर रहते हैं।
कोरबा संसदीय क्षेत्र में दो दिग्गज महिलाएं मैदान पर
कोरबा संसदीय क्षेत्र में भाजपा के सुश्री सरोज पांडेय और कांग्रेस से श्रीमती ज्योत्सना महंत मैदान पर है,दोनो दिग्गज महिलाएं है।ज्योत्सना महंत पिछले बार सांसद का चुनाव जीतकर आई है और फिर अपनी किस्मत आजमा रही हैं। वही सरोज पांडेय कोरबा लोकसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ रही है। दोनो भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशी के बीच रोमांचक मुकालबा होने वाला है,लेकिन यह भी जिस क्षेत्र हार जीत का अंतर होता है वहां के रहने वाले आदिवासी बिजली,पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान हैं।