Home Business ईवी निर्माता राइडर्स को फायर प्रूफ अनुभव देने को लेकर हैं आशान्वित | EV makers hopeful of giving riders a fire proof experience

ईवी निर्माता राइडर्स को फायर प्रूफ अनुभव देने को लेकर हैं आशान्वित | EV makers hopeful of giving riders a fire proof experience

by kbc@admin
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) को अपनाने पर जोर दे रहा है। ऐसे में ईवी, विशेष रूप से दोपहिया वाहनों की असली परीक्षा अगले साल गर्मियों की शुरुआत के साथ फिर से होगी। ईवी निर्माताओं और नेटवर्क प्रदाताओं के अनुसार, उन्होंने 2022 से सबक सीख लिया है और राइडर्स को अधिक सुरक्षित और अनुभव प्रदान करने के लिए तैयार हैं। 2022 की पहली छमाही में दर्जनों ईवी में आग लग गई और विस्फोट हो गया। इसके परिणामस्वरूप कुछ लोग हताहत भी हुए। इसके कारण सरकार और संबंधित मंत्रालयों ने जांच शुरू की।

अक्टूबर में सरकार ने ईवी निर्माताओं के लिए नए मानदंड जारी किए, जिनमें बैटरी सेल, बैटरी प्रबंधन प्रणाली (बीएमएस), ऑन-बोर्ड चार्जर, बैटरी पैक के डिजाइन और आंतरिक सेल शॉर्ट सर्ट के कारण थर्मल प्रसार से संबंधित अतिरिक्त सुरक्षा आवश्यकताएं शामिल हैं।

कोमाकी इलेक्ट्रिक डिवीजन के निदेशक गुंजन मल्होत्रा अनुसार, आयातित तेल पर निर्भरता कम करने की बढ़ती आवश्यकता और तेजी से घटते जीवाश्म संसाधनों के कारण ईवी को अपनाने का विस्तार हो रहा है और वे राइडर्स के लिए एक सुरक्षित अनुभव प्रदान करने के लिए तैयार हैं। मल्होत्रा ने आईएएनएस को बताया, कोमाकी गर्मी प्रतिरोधी लिथियम आयन फॉस्फेट बैटरी से लैस अल्ट्रा-आधुनिक ईवी की पेशकश करके भारतीय सड़कों पर सुरक्षित और विश्वसनीय ईवी की कल्पना करता है।

ईवी की बढ़ती मांग का एक अन्य कारण उनका कम उत्सर्जन स्तर है, जो पूवार्नुमान अवधि के दौरान बाजार राजस्व वृद्धि को बढ़ावा देने का अनुमान है। अन्य पेट्रोल या डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में ईवी कम ग्रीनहाउस गैसों और वायु प्रदूषकों को छोड़ते हैं। मल्होत्रा ने कहा, ये ऑटोमोबाइल धुएं या खतरनाक उत्सर्जन के साथ पर्यावरण को प्रदूषित न करके एक स्थायी पर्यावरण में योगदान करते हैं। इसलिए ब्रांड भारत के मूल्यवान इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार के दोपहिया खंड में कड़ी प्रतिस्पर्धा में लगे हुए हैं।

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री में पिछले दो वर्षों में वृद्धि देखी गई है। जहां 2020-21 में 48,179 ईवी की बिक्री हुई, वहीं 2021-22 में यह आंकड़ा बढ़कर 2,37,811 और 2022-23 में (9 दिसंबर तक) 4,42,901 हो गया। भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने पिछले हफ्ते लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा था कि मंत्रालय ने गोद लेने को बढ़ावा देने के लिए फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्च रिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया फेज टू (फेम इंडिया फेज टू) नामक एक योजना लागू की है।

वर्तमान में एफएएफई इंडिया योजना का चरण- दो 10,000 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन के साथ 1 अप्रैल, 2019 से पांच साल की अवधि के लिए लागू किया जा रहा है। ईवी चाजिर्ंग नेटवर्क प्रदाता स्टेटिक के संस्थापक और सीईओ अक्षित बंसल ने कहा कि देश में ईवी चाजिर्ंग स्टेशनों के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार के मामले में 2022 बेहद महत्वपूर्ण रहा है। बंसल ने आईएएनएस को बताया, वास्तव में वर्ष की शुरुआत में केवल 1,000 सार्वजनिक रूप से उपलब्ध चार्जरों से अनुमान लगाया गया था कि वे वर्ष के मध्य तक लगभग 1,800 तक बढ़ जाएंगे, लेकिन यह लगभग 2,500 तक पहुंच गया है।

एक ऐसे बाजार के लिए जिसमें पहले से ही 2डब्ल्यू, 3डब्ल्यू और 4डब्ल्यू सहित 13 लाख से अधिक ईवी हैं, और लगातार बढ़ रहा है, आने वाला वर्ष देश में ईवी चाजिर्ंग स्टेशनों के लिए जबरदस्त संभावना है। सरकार की स्वच्छ गतिशीलता के लिए व्यापक प्रतिबद्धता और ईवीएस के साथ-साथ चार्जर्स/चाजिर्ंग स्टेशनों पर जीएसटी की सहवर्ती कमी के साथ, इस सेगमेंट में निजी निवेश भी अब एक बड़ी भूमिका निभाएगा। साथ ही रियल एस्टेट डेवलपर्स भी इसकी तलाश करेंगे। बंसल ने कहा, आवासीय और व्यावसायिक दोनों संपत्तियों के लिए ईवी चाजिर्ंग स्टेशन प्लेयर्स के साथ सहयोग करें।

उद्योग के जानकारों के मुताबिक भारत के ईवी उद्योग में निजी इक्विटी (पीई) निवेश इस साल एक अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।  इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माता जयपुर स्थित एचओपी इलेक्ट्रिक के संस्थापक और सीईओ केतन मेहता ने कहा कि भारत में ईवी मोबिलिटी में निवेश करना लोगों की पसंद बनता जा रहा है, खासकर इसलिए क्योंकि लोग सचेत रूप से पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ विकल्प बना रहे हैं।

उन्होंने कहा, नए गैर-ऑटोमोटिव निवेशक (ओईएम) श्रेणी के तहत ऑटो के लिए सरकार की महत्वाकांक्षी 26,058 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना देश की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक स्वागत योग्य पहल के रूप में सामने आई है। इस शासनादेश के तहत एचओपी इलेक्ट्रिक कंपनी के वैश्विक ऊर्जा गतिशीलता अग्रणी बनने की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच वर्षों में भारत में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी।

ईवी फिनटेक प्लेटफॉर्म रेवफिन के संस्थापक और सीईओ समीर अग्रवाल के अनुसार सबसे महत्वपूर्ण चुनौती वाणिज्यिक चालकों के लिए वित्तपोषण विकल्पों की कमी रही है। आने वाले वर्षों में, ईवी वित्तपोषण सबसे महत्वपूर्ण होगा।

सोर्सः आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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