Aditya L-1: Will be placed near the Sun at 4.02 pm, will create history
बेंगलूरु : सूर्य के अध्ययन के लिए भेजा गया आदित्य एल- 1 मिशन शनिवार को हेलो आर्बिट लैग्रेंज-1 पर स्थापित किया जाएगा। इसके लिए इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एवं कमांड नेटवर्क (इसट्रैक) में तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। सौर वेधशाला आदित्य एल-1 पर निरंतर निगाह रखी जा रही है। शनिवार शाम 4.02बजे छोटे से मैनुवर के बाद उसे कक्षा में स्थापित कर दिया जाएगा। अभी तक सिर्फ नासा और यूरोपीय एजेंसी (इएसए) ने सूर्य पर मिशन भेजा है।
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इसरो के मुताबिक, आदित्य को लैग्रेंज-1 पर स्थापित करने के लिए शाम 4.02 बजे पर 440 न्यूटन वाली तरल एपोगी मोटर फायर की जाएगी। 4 मिनट बाद आदित्य लैग्रेंज-1 की कक्षा की ओर बढ़ेगा। वह 4.15 बजे लैग्रेंज-1 कक्षा में चक्कर लगाना शुरू कर देगा। यह 2 लाख किमी गुणा 6 लाख किमी वाली अंडाकार
कक्षा होगी। इसमें आदित्य सूर्य की एक परिक्रमा 178 दिन में पूरी करेगा। आदित्य 5 साल तक काम करेगा।
बताया जा रहा है कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या ‘कोरोनल मास इजेक्शन’ (सीएमई), सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं तथा पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को समझना है।