The tenure of Governors of eight states including Uttar Pradesh, Maharashtra and Rajasthan is ending, know who can get the responsibility of Governor?
लोकसभा चुनाव में नए चेहरों को मौका देने वाले भाजपा नेता अब राज्यपाल के रूप में राजभवन की शोभा बढ़ाएंगे। जानकार सूत्रों के अनुसार आने वाले समय में भाजपा के निष्ठावान और अनुभवी नेताओं को राज्यपाल बनाकर विभिन्न राज्यों में भेजा जा सकता है। इसके अलावा कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी राज्यपाल बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत आठ राज्यों का कार्यकाल आने वाले तीन महीनों में खत्म हो रहा है। इन राज्यों के लिए नए राज्यपालों के नामों पर केंद्र में विचार-विमर्श किया जा रहा है।
दरअसल, सत्ता विरोधी लहर से निपटने और लोकसभा चुनाव में नए चेहरों को मौका देने के लिए भाजपा ने करीब 100 सांसदों के टिकट काटे थे। इनमें मोदी 2.0 सरकार के मंत्री और कुछ अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी उन अनुभवी नेताओं को राज्यपाल पद से नवाज सकती है, जिन्होंने भाजपा नेतृत्व के फैसले को सहर्ष स्वीकार किया और जिनकी भूमिका चुनाव में सकारात्मक रही। इसमें कई ऐसे नेताओं को चुनाव के समय भरोसा दिलाया गया था कि समय आने पर पार्टी उनका बेहतर और उचित उपयोग करेगी।
जानकार सूत्रों के अनुसार पार्टी हलकों में बिहार से पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, कर्नाटक से पूर्व मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, उत्तर प्रदेश से पूर्व मंत्री वीके सिंह और दिल्ली से पूर्व मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को राजभवन भेजे जाने की चर्चा है। इनके अलावा तमिलनाडु से पार्टी नेता पी. राधाकृष्णन को भी राज्यपाल बनाया जा सकता है।
इन राज्यपालों का कार्यकाल हो रहा है समाप्त
देश के आठ राज्यों के राज्यपालों का पांच साल का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इनमें आनंदीबेन पटेल (उत्तर प्रदेश), कलराज मिश्र (राजस्थान), आचार्य देवव्रत (गुजरात), बंडारू दत्तात्रेय (हरियाणा), रमेश बैस (महाराष्ट्र), अनुसुइया उइके (मणिपुर), फागू सिंह चौहान (मेघालय) और आरिफ मोहम्मद खान (केरल) शामिल हैं। इसके अलावा पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।