नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (The Supreme Court)ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में पानी के टैंकर माफिया(water tanker mafia) के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए दिल्ली सरकार(Delhi government)की खिंचाई की, जो भीषण गर्मी के दौरान पानी के गंभीर संकट का सामना कर रही है।
न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी से कहा, “यदि आप कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, तो हम माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मामले को दिल्ली पुलिस को सौंप देंगे।”बहुत अधिक रिसाव हो रहा है… टैंकर माफिया वहां है। लोग परेशान हैं। आप कुछ नहीं कर रहे हैं। यह हर गर्मियों में होने वाली समस्या है। पानी की बर्बादी को रोकने के लिए आपने क्या किया है?…क्या आपने टैंकर माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई की है या एफआईआर दर्ज की है? टैंकर माफिया को पानी मिलता है और पाइपलाइनें सूखी रहती हैं,” पीठ ने कहा।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेंटा ने पहले बताया था कि दिल्ली में 52.35 प्रतिशत पानी या तो बर्बाद हो जाता है या पानी के टैंकर माफिया द्वारा चुरा लिया जाता है, जिससे दिल्ली के लोगों के लिए केवल 47.65 प्रतिशत पानी ही बचता है। पीठ ने दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में पानी की चोरी और बर्बादी को रोकने के लिए दिल्ली जल बोर्ड द्वारा उठाए गए कदमों का ब्यौरा देते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को तय की।
पीठ यह देखकर हैरान रह गई कि हिमाचल प्रदेश द्वारा उपलब्ध कराए गए अतिरिक्त पानी को जारी करने के लिए हरियाणा को निर्देश देने की दिल्ली सरकार की याचिका के समर्थन में हलफनामा दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने दाखिल किया था, न कि डीजेबी अधिकारियों ने, जो कि आम बात है। दिलचस्प बात यह है कि हिमाचल सरकार ने पीठ को बताया कि दिल्ली में पहले से ही 137 क्यूसेक पानी बह रहा है। पीठ ने हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन से कहा, “आपने 5 जून को ऊपरी यमुना नदी बोर्ड को क्यों नहीं सूचित किया? इस अदालत के समक्ष झूठे बयान क्यों दिए जा रहे हैं?… हम आपके अधिकारी को अवमानना के लिए सीधे जेल भेज देंगे।” जब हिमाचल प्रदेश सरकार ने कहा कि दिल्ली में पहले से ही 137 क्यूसेक पानी बह रहा है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार ने कहा कि यह पानी दिल्ली तक नहीं पहुंचा है, तो पीठ ने आश्चर्य जताया, “अगर हिमाचल से पानी आ रहा है तो दिल्ली में पानी कहां जा रहा है?” वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए रतन ने कहा कि वे गुरुवार को बेंच को इस बारे में बताएंगे।
सिंघवी और अधिवक्ता शादान फरासत ने दिल्ली सरकार की ओर से दलील दी कि टैंकर दिल्ली जल बोर्ड के थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पानी की चोरी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का ब्यौरा देते हुए हलफनामा दाखिल करेगी। वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान और वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता लोकेश सिंहल द्वारा पेश हरियाणा सरकार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के पास कोई अप्रयुक्त पानी उपलब्ध नहीं है और अदालत को गुमराह किया जा रहा है।