छत्तीसगढ़:रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वनमण्डल क्षेत्र में पिछले तीन दशक से जंगली हाथियों ने डेरा बना लिया इससे क्षेत्रवासी में दहशत का माहौल है। जंगली हाथियों के डेरा बना लेने से धरमजयगढ़- रायगढ़ और खरसिया मार्ग में आवाजाही करने वाले इस मार्ग पर सफर करने से कतरा रहे है कब हाथियों का दल सड़क पर आ जाये। धरमजयगढ़ रेंज में 6 4 हाथियों का दल, छाल रेंज में 72 हाथियों का दल और कापू रेंज में 14 हाथियों का दल विचरण कर रहा है।
हाथी भोजन और पानी के लिए गांवों की ओर कर रहे रुख
जून के महीना चल रहा है प्रचण्ड धूप ने हाथियों का भी हाल बेहाल कर दिया है।नदी व झरने और तालाब सूख गये हैं। जंगली जानवरों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। आलम यह है कि पानी की उपलब्धता की कमी के कारण हाथियों का दल गाँव की ओर रुख करने लगे हैं। हाथियों के झुं़ड ने भोजन और पानी की तालाश में गाव में आ धमकते हैं।
रात में होता है ज्यादा खतरा
हाथी प्रभावित क्षेत्र में रात को खतरा अधिक होता है।ग्रामीण कई बार कही जाने के लिए रात को निकलते हैं और उनका सामना हो जाता है।कई बार घटनाऐ भी सामने आ चुकी है।रात में हाथियों का दल जंगल से निकलकर गाँव की ओर आ जाते है।
फसल की सुरक्षा के लिए ग्रामीण हाथियों को खदेड़ ने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
वन विभाग कर रही निगरानी
दिनभर जंगल में रहने के बाद हाथी रात को गांवों की तरफ आ रहे हैं, वन विभाग ने हाथियों की निगरानी के लिए वन कर्मियों की ड्यूटी लगाई है,हाथी मित्र दल हर मोमेंट पर नजर बनाएं हुए है। ग्रामीणों को जंगल की ओर न जाने समझाई स दी जा रही है।