Home Chhattisgarh कलेक्टर ने जनचौपाल में लोगो की सुनी समस्याएं,प्राप्त हुए 104 आवेदन, त्वरित निराकरण के दिए निर्देश

कलेक्टर ने जनचौपाल में लोगो की सुनी समस्याएं,प्राप्त हुए 104 आवेदन, त्वरित निराकरण के दिए निर्देश

by KBC World News
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ब्यूरो संजीव शर्मा की रिपोर्ट


रायगढ़ (छत्तीसगढ़) : कलेक्ट्रेट कक्ष में आयोजित जनचौपाल में आज लगभग 104 आवेदक अपनी मांगों एवं समस्याओं से संबंधित आवेदन लेकर पहुंचे थे। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने सभी आवेदनों पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए। इसी कड़ी में ग्राम-बानीपाथर के दिव्यांग भूषण यादव ने कलेक्टर के समक्ष व्हीलचेयर हेतु आवेदन किया। कलेक्टर सिन्हा के निर्देशन पर दिव्यांग यादव को समाज कल्याण विभाग ने मौके पर ही व्हीलचेयर प्रदान किया।
आयोजित जनचौपाल में ग्राम-खुरूसलेंगा के चुड़ामणी गुप्ता अपनी पुत्री उमा गुप्ता की पढ़ाई के लिए शिक्षा लोन दिलाए जाने के संबंध में मांग किया। उन्होंने बताया कि उनकी पुत्री बीएससी नर्सिंग फाईनल ईयर में अध्ययनरत है। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक शाखा पॉवर प्लांट तमनार में शिक्षा लोन दिलाए जाने के संबंध में आवेदन किया था। जिसके संबंध में बैंक द्वारा समस्त दस्तावेज लिए गए थे और लोन स्वीकृत करने की बात कही थी। लेकिन आज पर्यन्त तक लोन स्वीकृत नहीं किए। जिसकी वजह से वह कालेज में फीस जमा नहीं कर पाया और फीस अदा न करने की सूरत में उन्हें कालेज प्रबंधन द्वारा परीक्षा से वंचित करने की बात कही गई है। कलेक्टर सिन्हा ने आवेदक चुड़ामणी गुप्ता के आवेदन पर लीड बैंक अधिकारी को शीघ्र ही लोन स्वीकृत करने के निर्देश दिए। ग्राम-हमीरपुर से आये दिव्यांग चमरा मेहेर ने कलेक्टर के समक्ष छ.ग.नि:शक्तजन वित्त एवं विकास निगम के तहत स्वरोजगार हेतु ऋण स्वीकृत दिलाये जाने के लिए आवेदन लेकर पहुंचा था । दिव्यांग ने बताया कि वे 80 प्रतिशत दिव्यांग होने के कारण कही दूसरे जगह जाकर काम नहीं कर पाता है।वह अपना खुद का रेडिमेड व्यवसाय करना चाहते है। कलेक्टर सिन्हा ने उप संचालक समाज कल्याण विभाग को उद्यम स्थापित हेतु ऋण उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की रूकी हुई राशि की मांग को लेकर समूह की महिलाएं जनचौपाल में पहुंची थी। उन्होंने कलेक्टर को बताया कि खरसिया खण्ड के अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत समूहों की महिलाओं द्वारा सुपोषण आहार वितरित किया गया था, जिस पर स्वयं समूहों की महिलाओं द्वारा पूरी राशि खर्च की गयी थी। जिसका अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। कलेक्टर सिन्हा ने महिला बाल विकास अधिकारी को आवेदन पर तुरंत जांच करवाने एवं समूह की महिलाओं को उनका राशि दिलवाये जाने के संबंध में निर्देश दिए। ग्राम-खैरपाली के किसान लालाराम किसान सम्मान निधि के संबंध में आवेदन लेकर आये थे। उन्होंने बताया कि उनकी 12 वीं किश्त तक की किसान सम्मान निधि की राशि उनके खाते में आ चुकी है, जबकि 13 वे किश्त की राशि अब तक अप्राप्त है। जिस पर कलेक्टर सिन्हा ने डीडीए एग्रीकल्चर को संंबंधित किसान के अविलंब किसान सम्मान निधि की राशि दिलाने के निर्देश दिए। ग्राम पंचायत मचिदा के संदीप कुमार गुप्ता पीडीएस बारदाने की शेष राशि भुगतान करवाने हेतु कलेक्टर से आग्रह किया। उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा बारदाना जमा किया गया था। जिसका कुछ भुगतान तो हुआ है बाकी शेष है। कलेक्टर ने डीएमओ को इस संबंध में जांच करवाने के निर्देश दिए।
जनचौपाल में शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी मेमोरियल ट्रस्ट से त्रिपाठी सर्किट हाऊस रोड स्थित बाल उद्यान के सांैदर्यीकरण एवं रख-रखाव के संबंध में आवेदन लेकर पहुंचे थे। बताया कि बाल उद्यान में एनटीपीसी तलाईपाली के माध्यम से वहां बच्चों के लिए खेलकूद, विभिन्न भित्ति चित्र एवं आकर्षक आकृतियों के अलावे एक कृत्रिम झरने का निर्माण करवाया गया था। जिसकी वजह से बाल उद्यान में हमेशा जनसामान्य अपने परिवारजनों के साथ सैर करने यहां आते थे। लेकिन विगत कुछ वर्षो से रख-रखाव के अभाव में उद्यान की स्थिति बदहाल हो चुकी है, झरना भी बंद हो गया है। ऐसी स्थिति में उद्यान के सौंदर्यीकरण और आकर्षण को पुर्नस्थापित करने के लिए रख-रखाव की जरूरत है। कलेक्टर सिन्हा ने बाल उद्यान के उचित रख-रखाव हेतु एनटीपीसी तिलाईपाली को पत्र लिखने के निर्देश दिए। इसी तरह आज जनचौपाल में जनसामान्य विकलांग एवं विधवा पेंशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, राशन कार्ड निर्माण सहित अन्य मांगों एवं शिकायतों को लेकर पहुंचे थे।


कलेक्टर ने रिहैब फाउण्डेशन की संचालिका को प्रदान किया 18 लाख रुपये का चेक


कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने जनचौपाल में समाज कल्याण विभाग से मान्यता प्राप्त स्वैच्छिक संस्था रिहैब फाउण्डेशन की संचालिका को प्रशामक गृह योजना अंतर्गत निराश्रित निधि मद से 18 लाख 75 हजार रुपये का चेक प्रदान किया। ज्ञात हो कि प्रशामक गृह योजना अंतर्गत गंभीर बीमारी से ग्रसित वृद्धजनों के इलाज एवं देखरेख किया जाता है। जिसके तहत संस्था के कर्मचारियों के वेतन, भोजन, आवास, मेडिकल सुविधा एवं दवाई हेतु राशि प्रदान की गई है।

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