दक्षिण में फिर खिला कमल, कांग्रेसी नहीं भेद पाए भाजपा का किला
रायपुर/छत्तीसगढ़ । राजधानी के दक्षिण विधानसभा उप चुनाव में एक बार फिर कमल खिलने से कांग्रेस नहीं रोक पाई ।भाजपा प्रत्याशी सुनील सोनी ने 46 हजार के रिकार्ड अंतर से धमाकेदार जीत दर्ज की हैं। पिछले करीब चार दशक से दक्षिण सीट भाजपा का अभेद किला बन चुका है। पूरी ताकत झोंकने के बाद भी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा रायपुर दक्षिण के इसउप चुनाव में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, सांसद बृजमोहन अग्रवाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी।
इस तरह एक बार फिर दक्षिण का किला भेदने में कांग्रेसी नाकाम रहें और बृजमोहन की जगह सुनील सोनी नए चेहरे चुन लिए गए। बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफा देने से इस सीट पर उप चुनाव हुआ,दक्षिण के नव निर्वाचित विधायक सुनील सोनी अपने पहले चुनाव में भी रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी। सोनी ने वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव भी पहली बार ही लड़ा था ।उस वक्त पार्टी ने सात बार के सांसद रहे रमेश बैस की टिकट काटकर सोनी को उतारा था।
बैस हर चुनाव अपने पिछले रिकार्ड को तोड़ते हुए जीतते रहे। सोनी ने पहले ही लोकसभा चुनाव में पौने चार लाख को रिकार्ड अंतर से जीत दर्ज की थी। इसके बाद वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में बृजमोहन अग्रवाल ने देश में नौवें नंबर पर रिकार्ड मतों से जीते।
उनके इस्तीफे के बाद हुए इस उपचुनाव में सोनी ने 46 हजार के रिकार्ड अंतर से जीते हैं, इससे पहले पिछले वर्ष अग्रवाल स्वयं 67 हजार की लीड से जीते थे । सोनी, राजधानी के ही तीनों भाजपा विधायकों पुरंदर मिश्रा 28 हजार, मोतीलाल साहू 37 हजार राजेश
मूणत 43 हजार को भी पीछे छोड़ दिया है। इस तरह एक बार फिर दक्षिण का किला भेदने में कांग्रेसी नाकाम रहें।और बृजमोहन की
जगह सुनील सोनी नए क्षत्रप चुन लिए गए।
कांग्रेस प्रत्याशी आकाश शर्मा ने अपनी हार स्वीकारते हुए जनता के जनादेश का सम्मान किया। कांग्रेस प्रत्याशी स्ट्रांग रूम के बाहर मिडिया से रूबरू हुए उन्होंने कहा कि हमने जमीनी स्तर पर कड़ी मेहनत की, लेकिन नतीजे हमारी उम्मीद के अनुसार नहीं रहे। जनता ने सुनील सोनी को चुना है, मैं जनादेश का सम्मान करता हूं। फिर भी, मैं दक्षिण विधानसभा में एक युवा पहरेदार की तरह काम करता रहूंगा ।