कोरबा (छत्तीसगढ़) : जिले को केंद्र सरकार से डीएमएफ मद की बड़ी राशि आवंटित होती है,जिनका राशि का उपयोग प्रभावित क्षेत्र में करना होता है लेकिन कोरबा जिले में ऐसा नही हो रहा है इन राशि का उपयोग दिगर जिले में राशि उपयोग करने का निर्माण शासी परिषद के बैठक में लिया है।कोरबा में कलक्ट्रेट में सोमवार 17 अप्रैल को जिला खनिज न्यास संस्थान की शासी परिषद की बैठक पदेन अध्यक्ष श्संजीव कुमार झा कलेक्टर की अध्यक्षता एवं लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, महापौर राज किशोर प्रसाद, पाली-तानाखार विधायक मोहितराम केरकेट्टा, कटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर, रामपुर विधायक ननकीराम कंवर, पुलिस अधीक्षक उदय किरण, जिला पंचायत सी.ई.ओ. नूतन कंवर सहित खनिज न्यास के सदस्यों एवं अधिकारी की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। जिसमे शासी परिषद की बैठक मे वर्ष 2023-24 के लिए विकास कार्यों की वार्षिक कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया। बैठक में अपर कलेक्टर विजेन्द्र पाटले ने जिला खनिज न्यास संस्थान के संचालन केे नियमों और प्रावधानों की जानकारी सभी सदस्यों को दी। उन्होंने कहा की खनिज न्यास मद की 40 प्रतिशत राशि कोरबा जिले के लिए उपयोग की जाएगी। बैठक में सदस्य सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल, श्कांत सोनकर, कुलदीप सिंह कंवर, श्रीमती अमिता कंवर, श्रीमती मीरा रामशरण कंवर, श्रीमती अनुसुईया कंवर, श्रीमती शारदा मिंज, घासी गिरी गोस्वामी तथा रामभरोस राठिया उपस्थित थे।
बैठक में अपर कलेक्टर पाटले ने सदस्यों को समस्त एजेण्डाओं से अवगत कराया। एजेण्डा में खनन प्रभावित प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र के व्यक्तियों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में 595 ग्राम एवं 135 वार्ड कुल 730 ग्राम प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र हैं तथा 127 ग्राम अप्रत्यक्ष खनन प्रभावित क्षेत्र हैं। उन्होंने जिला खनिज संस्थान न्यास अंतर्गत उच्च प्राथमिकता एवं निम्न प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की जानकारी दी। जिला खनिज संस्थान न्यास के राशि के अन्य जिलों के अंतरण की जानकारी दी। जिसमें कोरबा जिला में कुल प्राप्त राशि का अंतरण 40 प्रतिशत, जांजगीर चांपा 10 प्रतिशत, सक्ती 10 प्रतिशत, बिलासपुर 10 प्रतिशत, मुंगेली 07 प्रतिशत , जशपुर 07 प्रतिशत, बेमेतरा एवं कवर्धा 06-06 प्रतिशत, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 04 प्रतिशत 24 दिसंबर 2022 से प्रभावी हैं। उन्होंने जिला खनिज संस्थान न्यास की राशि के अन्य जिलों के अंतरण उपरांत प्राप्त राशि की जानकारी दी। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2015-16 से लेकर 2022-23 तक मुख्य खनिज से प्राप्त राशि तथा गौण खनिज से प्राप्त राशि एवं व्यय राशि की जानकारी दी। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2015-16 से वर्ष 2021-22 तक के कार्यों की ऑडिट कराये जाने की जानकारी दी गई। बैठक में खनिज न्यास में सेटअप अनुसार भरे पद एवं रिक्त पदों की जानकारी दी गई।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 की कार्ययोजना के विषय में चर्चा की गई तथा कार्यों का अनुमोदन किया गया, जिसमें अधोसंरचना अंतर्गत पुल-पुलिया सड़क उद्यान निर्माण एवं सौंदर्यीकरण, तालाब निर्माण एवं सौंदर्यीकरण, हाट-बाजार तटबंध निर्माण, यात्री प्रतिक्षालय, सीसी रोड, स्कूल अहाता, सांस्कृतिक भवन निर्माण आदि सुविधाओं के विस्तार, मुख्यमंत्री से भेंट-मुलाकात के दौरान की गई घोषणाओं से संबंधित कार्यों, स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु चिकित्सक, एंबुलेंस, स्कूलों में अध्यापन व्यवस्था को बेहतर बनाने शिक्षकों की व्यवस्था, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम कॉलेज संचालन, आंगनबाड़ी केंद्रों में 01 से 05 साल तक के बच्चों को अण्डा एवं केला, शिशुवती एवं गर्भवती महिलाओं को विशेष आहार, पोषण पुनर्वास केंद्र में सुविधाएं बढ़ाने, कृषि एवं एलाइड क्षेत्रों, रोपणी एवं उद्यान, पशु एवं चिकित्सा, कौशल विकास, पर्यटन विकास, दिव्यांग एवं निःशक्तजनों को उपकरण वितरण, कॉलेजों, आईटीआई, पॉलिटेक्निक में सुविधाएं बढ़ाने, धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों में सुविधाओं के विस्तार, ग्रामीण अधोसरंचना लाईवलीहुड, आश्रम-छात्रावास, सभी थाना क्षेत्रों में मर्च्युरी, उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहयोग की राशि में वृद्धि, हाथी प्रभावित क्षेत्रों, जनकल्याणकारी कार्यों सहित अन्य विषयों पर चर्चा करते हुए निर्णय लिया गया। बैठक में ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को कौशल उन्नयन एवं रोजगार से जोड़ने के लिए खदानों में उपयोग होने वाले भारी वाहनों, आधुनिक मशीनों का प्रशिक्षण देने, खदान प्रभावित क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने, बाघमाड़ा जलाशय के पानी का उपयोग छोटी नहर के माध्यम से भुलसीडीह, बुंदेली आदि आसपास के गांवों तक पहुंचाने और मनरेगा, वन विभाग से कराने, हसदेव नदी सर्वमंगला के पास पक्का रपटा घाट के संबंध में चर्चा हुई। बैठक में खनिज न्यास परिषद के सदस्य जनप्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।