NSS Camp: Volunteers learned about King Cobra conservation, importance of biodiversity, and also learned to identify birds by listening to their sounds.
अमीन खान की रिपोर्ट
कोरबा/छत्तीसगढ़ : कोरबा जिला मुख्यालय से 26 किलोमीटर दूर जंगल की गोद में बसे चुईया गांव में राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर का आयोजन किया गया,जिसमें शासकीय कन्या उच्च. माध्य. विद्यालय साडा कोरबा से बड़ी संख्या में बच्चे पहुंचे हैं,एनएसएस के प्रमुख मनोज सिन्हा के निर्देशन में तथा श्री वाय के तिवारी (प्रो. कमला नेहरू कॉलेज कोरबा) के संरक्षण में विशेष सात दिवसीय ग्रामीण शिविर लगाया गया, कार्यक्रम के प्रभारी श्री मति सविता पाठक के आग्रह में नोवा नेचर वेल्फेयर सोसाइटी की टीम शिविर में पहुंची। चुईया गांव में लगे शिविर में सर्वप्रथम दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुभारंभ हुई।ततपश्चात वन विभाग कोरबा के किंग कोबरा संरक्षण प्रोजेक्ट से बच्चों को जानकारी दी गई।
नोवा नेचर वेल्फेयर सोसाइटी के सदस्यों का स्वागत किया गया जिसके बाद बच्चों को जंगल संरक्षण के महत्व को बताया गया फिर वन्य जीव और सरीसृप हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं उस विषय पर प्रकाश डाला गया, वही अंध विश्वास से जुड़े तथ्यों को बताया गया जिस पर बच्चों ने एक एक कर कई सावल भी पूछा जिसका जवाब पाकर काफी संतुष्ट और उत्साहित हुए, नोवा नेचर वेल्फेयर सोसाइटी से मयंक बक्शी ने बच्चों को बताया की पक्षी हमारे पर्यावरण संरक्षण के लिए कितना महत्वपूर्ण हैं साथ ही बच्चो को विभिन्न पक्षियों का आवाज़ सुना कर उसका पहचान करना सिखाया।उसके साथ ही वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम कोरबा प्रमुख जितेंद्र सारथी ने विषहीन और विषैले सांपो की पहचान करना बताया, साथ ही बताया साप काट लेने पर बिना देरी किए हस्पताल जाना हैं साथ ही प्राथमिक उपचार भी बताए।
जितेंद्र सारथी ने बताया मध्य भारत में केवल छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला को किंग कोबरा के लिए जाना जाता हैं और ऐसे दुर्लभ और विलुप्त प्रायः जीव को बचाना और संवर्धन करना अत्यधिक जरूरी हैं। बच्चों ने संकल्प लिया कि वे इनका संरक्षण करेंगे, इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित रहें मनोज गुप्ता, प्रबल सिंह चंदेल(प्रधान पाठक चुईया), राजू जगड़े, पत्मावती साव, रिंकी रानी, सुरज जागड़े, देववति साहू, रेणुका, लेदर, राकेश मानिकपुरी बड़ी संख्या में बच्चें उपस्थित रहें।