Home State उत्तराखंड में भारी बारिश से 14 लोगों की मौत, केदारनाथ यात्रा रोकी गई

उत्तराखंड में भारी बारिश से 14 लोगों की मौत, केदारनाथ यात्रा रोकी गई

by KBC World News
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उत्तराखंड में रातभर हुई भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई और कई नदियां उफान पर आ गईं, जिससे 14 लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खराब मौसम के कारण केदारनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई है, क्योंकि भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि घोरापर्व, लिनचोली, बड़ी लिनचोली और भीमबली में चट्टानें गिरने से यात्रा मार्ग अवरुद्ध हो गया है। उत्तराखंड सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा भारी बारिश के मद्देनजर स्थिति का जायजा लेने के बाद केंद्र ने राज्य में बचाव कार्यों में सहायता के लिए भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर, एक चिनूक और एक एमआई 17 भेजे हैं। बयान में कहा गया कि तीन विमानन टरबाइन ईंधन टैंकर भी भेजे गए हैं। साथ ही पीएमओ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सभी आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया है। बयान में कहा गया कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी स्थिति की समीक्षा की। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, नैनीताल के हल्द्वानी में एक बच्चा बाढ़ के पानी में बह गया। बताया गया कि उसकी तलाश की जा रही है। बुधवार रात को भारी बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ ट्रेक मार्ग पर भीमबली में सड़क का एक हिस्सा बह गया, जिससे पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिरकर सड़क पर आ गए। पुलिस के अनुसार, अब तक लिनचोली और भीमबली से हेलीकॉप्टरों के जरिए 425 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि बचाव दलों की मदद से 1,100 तीर्थयात्री विभिन्न स्थानों से पैदल सोनप्रयाग पहुंचे हैं। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार शाम से बारिश से जुड़ी घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो चुकी है – देहरादून में चार, हरिद्वार में छह, टिहरी में तीन और चमोली में एक व्यक्ति की मौत हुई है। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि बुधवार रात रायपुर क्षेत्र में नहर में दो लोग डूब गए। उन्होंने बताया कि शव बरामद कर लिए गए हैं। मृतकों की पहचान सुंदर सिंह और अर्जुन सिंह राणा के रूप में हुई है। देहरादून में एक अन्य घटना में, गुरुवार को सहस्रधारा पार्किंग के पास उफान पर आई नदी में नहाते समय दो लोग बह गए।

सूचना मिलने पर एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक स्थानीय लोगों ने एक शव बरामद कर लिया था।

एसडीआरएफ ने बाद में नदी से दूसरा शव बरामद किया। मृतक दिल्ली के सुल्तानपुरी निवासी इंद्रपाल (40) और भूपेंद्र सिंह राणा (43) थे।

हरिद्वार जिले के रुड़की क्षेत्र के भरपुर गांव में भारी बारिश के कारण एक मकान ढह गया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। इनमें से आठ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

एक अन्य घटना में बुधवार रात करीब 11:30 बजे रुड़की बस स्टैंड पर दो लोगों की करंट लगने से मौत हो गई।

अधिकारियों ने बताया कि टिहरी जिले के घनसाली क्षेत्र के जखन्याली गांव में बादल फटने के बाद भूस्खलन में एक ही परिवार के तीन सदस्यों भानु प्रसाद (50), उनकी पत्नी नीलम देवी (45) और बेटे विपिन (28) की मौत हो गई।टिहरी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि विपिन को बचा लिया गया, लेकिन ऋषिकेश स्थित एम्स ले जाते समय उसकी मौत हो गई।

चमोली जिले के गैरसैंण तहसील के कुनखेत गांव में बुधवार को पहाड़ी से मलबा एक मकान पर गिरने से एक महिला की मौत हो गई।नैनीताल जिले के हल्द्वानी में सात साल का बच्चा उफनते नाले में बह गया। पुलिस और एसडीआरएफ उसकी तलाश कर रही है।मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार से अब तक देहरादून में 172 मिमी, हरिद्वार के रोशनाबाद में 210 मिमी, रायवाला में 163 मिमी, हल्द्वानी में 140 मिमी, रुड़की में 112 मिमी, नरेंद्र नगर में 107 मिमी, धनोल्टी में 98 मिमी, चकराता में 92 मिमी और नैनीताल में 89 मिमी बारिश दर्ज की गई।

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा

सोशल मीडिया पर पोस्ट में धामी ने कहा कि बुधवार रात को राज्य में हुई भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर जनजीवन प्रभावित होने की खबर है और बचाव दल ने पूरी रात अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

धामी ने यहां राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर बारिश की स्थिति की समीक्षा की और आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन को जिलाधिकारियों के साथ समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया।

इस बीच, रुद्रप्रयाग पहुंचे केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें उन्हें मौसम में सुधार और अवरुद्ध और टूटी सड़कों के बहाल होने की आधिकारिक सूचना मिलने तक वहीं रहने को कहा गया है।रुद्रप्रयाग जिले में मंदाकिनी और अलकनंदा दोनों नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं।पीटीआई

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