छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार शहर में सतनामी समुदाय के आंदोलन के दौरान 10 जून को हुई हिंसा के सिलसिले में शनिवार को कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस उन्हें लेकर बलौदाबाजार पहुंची। जहां रात 8.45 बजे जिला न्यायालय में पेश किया गया। कोर्ट ने 3 दिन की रिमांड पर 20 अगस्त तक रायपुर केंद्रीय जेल भेजने का आदेश दे दिया।उनकी गिरफ्तारी के लिए सुबह से लेकर शाम तक पुलिस की विधायक समर्थकों से जमकर झड़प भी हुई। गिरफ्तारी के पहले विधायक सफेद झंडा और संविधान की किताब थामे दिखे।
बताया जा रहा है कि बलौदाबाजार आगजनी की घटना में कोतवाली थाने में दर्ज मामले के सिलसिले में यादव को गिरफ्तार किया गया है। उनपर मामला धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 120बी (आपराधिक साजिश), 147 (दंगा करने की सजा), 186 (किसी सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य पालन से रोकना), 353 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य पालन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 307 (हत्या का प्रयास) और भारतीय दंड संहिता तथा सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है।
विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी पर नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा, “बलौदाबाजार में हुई घटनाएं न सिर्फ छत्तीसगढ़ के लिए बल्कि देश के लिए ऐसी घटना है, जिसने समाज को झकझोर दिया है. खासकर सतनामी समाज को। ऐसा लगता है यह घटना समाज को बांटने के लिए किया गया है। ऐसी घटना में राजनीति करके भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की ओर इशारा करना चाहती है कि यह घटना कांग्रेस द्वारा प्रेरित थी।जो अत्यंत दुखद है, गलत है। इससे सरकार को बचना चाहिए।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, बलौदाबाजार हिंसा मामले में पुलिस लगातार दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई कर रही है। जबकि, BJP नेता सनम जांगड़े की भूमिका पूरे कार्यक्रम में रही। इसके बावजूद भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले में देवेंद्र यादव की कोई भूमिका नहीं थी फिर भी उन्हें गिरफ्तार किया गया है।