पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान पुनर्वास समिति की एक भी नही हुई बैठक
रमन सरकार के दौरान पुनर्वास की समस्या पर तेजी से काम किया गया
रायपुर/छत्तीसगढ़ : विधानसभा में पाली तानाखार विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम द्वारा उठाए गए ध्यानाकर्षण पर दिए गए जवाब के संबंध में मीडिया से चर्चा करते हुए वाणिज्य उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि कोरबा जिले के जिन लोगों की जमीन पुनर्वास नीति के तहत अधिग्रहित की गई थी। रमन सरकार में पुनर्वास की समस्या पर तेजी से काम हुआ था। जिला पुनर्वास समिति की अंतिम बैठक 2017 में कटघोरा में प्रदेश के प्रभारी मंत्री अमर अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई थी, इसके बाद पिछली सरकार में पुनर्वास समिति की एक भी बैठक नहीं हुई। इसके कारण पुनर्वास की समस्या लगातार बढ़ती चली गई। मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री एवं प्रभारी मंत्री अरुण साव जी से पुनर्वास समिति की बैठक जल्द से जल्द आयोजित करने का अनुरोध किया था। प्रभारी मंत्री अरुण साव ने भी इस पर सहमति जताई थी।
मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि कोरबा जिले के सार्वजनिक उपक्रमों एवं निजी संस्थाओं द्वारा भू-विस्थापित व्यक्तियों एवं उनके परिवारों को समय-समय पर उनकी पात्रतानुसार रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इसके अनुसार एसईसीएल गेवरा क्षेत्र में 2570, एसईसीएल कोरबा क्षेत्र में 1167, एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र में 2052, एसईसीएल दीपका क्षेत्र में 1505, एनटीपीसी में 323, लाको अमरकंटक पावर लिमिटेड में 331, सीएसईबी पश्चिम में 101, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत गृह में 155, स्पेक्ट्रम कोल एण्ड पावर लिमिटेड में 305, एसीबी इंडिया लिमिटेड में 104, प्रकाश इंडस्ट्रीज में 66, एसवी पावर प्राइवेट लिमिटेड में 200 इस प्रकार कुल 8879 भू-विस्थापित व्यक्तियों को उनकी पात्रतानुसार रोजगार उपलब्ध कराया गया है तथा शेष भू-विस्थापित व्यक्तियों को उनकी पात्रतानुसार रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य सतत प्रक्रिया है। एसईसीएल, एनटीपीसी आदि द्वारा भू-विस्थापित व्यक्तियों के आवेदन प्राप्त होने पर पुनर्वास हेतु उनकी पात्रता की जांच संबंधित कंपनी एवं जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से की जाती है तथा पात्र पाए जाने पर नियमानुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाता है।