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रिपोर्ट: लखेश्वर यादव
जांजगीर-चांपा. अपने पसीने की कमाई के लिए महीनों तक अन्नदाता इंतजार में रहते हैं कि उनकी मेहनत का फल सही सलामत मिल जाए, लेकिन इन दिनों सक्ती जिले के मालखरौदा क्षेत्र में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं. मालखरौदा में पानी का संकट गहराता जा रहा है. पानी की किल्लत के कारण किसानों के खेतों में लगी फसल खराब हो रही है. जिस कारण किसान अब खेतों में लगी फसलों पर मवेशी छोड़ दे रहे हैं, ताकि उनका पेट तो कम से कम भरे.
बता दें कि किसानों को उम्मीद थी कि 1 मार्च तक नहरों में पानी आ जाएगा, लेकिन किसानों की उम्मीद पर पानी फिर गया. क्योंकि अब तक प्रशासन ने नहरों में पानी नहीं छोड़ा है. इस कारण किसानों के खेतों में लगी फसल खराब हो रही है. मालखरौदा के एक किसान ने बताया कि 5 एकड़ जमीन में लगी फसल को उसने मवेशियों के हवाले कर दिया है. बताया कि 3- 4 और किसान हैं जो अपनी फसल पर मवेशी छोड़ चुके हैं. अगर जल्द नहरों में पानी उपलब्ध नहीं हुआ तो पूरे क्षेत्र के किसानों की फसल बर्बाद हो जाएगी.
प्रशासन से लगाई गुहार
मालखरोदा क्षेत्र के किसान अपने खेतों में धान की फसल लगाए हैं. नहर का पानी खेतों तक नहीं पहुंचने के कारण उनके खेत सूखने लगे हैं. इसके चलते उनकी चिंता बढ़ने लगी है. किसान कई बार प्रशासन से भी गुहार लगा चुके हैं. बावजूद अभी तक प्रशासन द्वारा किसी तरह की पहल नहीं की गई है. टेल एरिया तक पानी नहीं पहुंचने के कारण अब दर्जनों किसान कर्ज के बोझ से लद गए हैं.
हर साल होती है समस्या
मालखरोदा क्षेत्र के किसानों को यह समस्या गर्मी के दिनों में अक्सर भुगतनी पड़ती है. जिला मुख्यालय से दूर होने के कारण नहर का पानी टेल एरिया तक नहीं पहुंच पाता. इस कारण हमेशा किसान को इस समस्या से जूझना पड़ता है. बार-बार अपने खेतों में पानी पहुंचाने के लिए प्रशासन से गुहार लगानी पड़ती है. बावजूद इसके प्रशासन किसानों की तरफ ध्यान नहीं देता.
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Tags: Canal, Chhattisgarh news, Farmers
FIRST PUBLISHED : March 04, 2023, 22:02 IST
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