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कोरबा. होली रंगों का त्योहार है, गुलाल से रंग खेलना हमारी परंपरा है. वर्तमान में ऐसे कई प्रकार के कैमिकल युक्त रंग सस्ते दामों में बाजार में उपलब्ध है. ऐसे रंगों से होली खेलने पर आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. इस होली में जानिए चर्मरोग विशेषज्ञ डॉक्टर ए सिद्धकी से सावधानी और उपाय.
रासायनिक रंगों के इस्तेमाल से उन लोगों की सेहत बिगड़ सकता है जिन्हें पहले से अस्थमा है. कई प्रकार के रसायन होते है जो श्वसन तंत्र में प्रवेश कर सकते है और संक्रमण का कारण बन सकते है. इससे अस्थमा का दौरा पड़ सकता है.
फंगल इंफेक्शन की समस्या हो सकती है बड़ी
कई लोग ऐसे होते हैं जिनके शरीर पर फंगल इंफेक्शन हो जाता है. रासायनिक रंग इस समस्या को बढ़ा सकते हैं. इसलिए त्वचा पर खुजली, लाल दाने, जलन जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इससे समस्या बढ़ सकती है.
सोरायसिस की है समस्या तो रंगों से करे परहेज
सोरायसिस को एक गंभीर त्वचा रोग माना जाता है. सोरायसिस में प्रभावित व्यक्ति की त्वचा पर धब्बे पड़ जाते हैं. शरीर पर लाल दाने निकल आते हैं. होली में इस्तेमाल होने वाले केमिकल वाले रंग सोराइसिस की समस्या को बढ़ा सकते हैं.
कपड़े धुलने वाले साबुन के प्रयोग है हानिकारक
देखा जाता है कि होली के बाजारों में मुखोटे और बालों में लगाने वाले बिग बिकते है, इनका इस्तेमाल करने से चेहरे और बालों को हानिकारक रंगों से बचाया जा सकता है. होली खेलने के पहले बालों में नारियल तेल अच्छे से लगा ले साथ ही चेहरे पर भी माश्चराइजर क्रीम का इस्तेमाल करे. रंगों को शरीर से छुड़वाने के लिए भूलकर भी कपड़े धोने वाले सर्फ या साबुन का इस्तेमाल ना करे. साधारण साबुन या बेबी शॉप का इस्तेमाल करे. रंग लगने के बाद अधिक देर तक धूप से बचें,
हर्बल गुलाल है एक अच्छा विकल्प
वर्तमान समय में बाजारों में हर्बल गुलाल मौजूद है. होली खेलने के लिए इन्हीं रंगों का इस्तेमाल करें. साथ ही घर पर भी आप हर्बल गुलाल बना सकते हैं.रंग लगने के बाद किसी तरह की भी कोई दिक्कत आती है तो तत्काल निकटतम चिकित्सालय पहुंच उपचार करवाएं.
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FIRST PUBLISHED : March 04, 2023, 19:28 IST
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