Home Chhattisgarh सोनदरहा नाले में मिला था अधजला महिला का शव, 72 घंटे में सुलझी अंधे कत्ल की गुत्थी, प्रेमी ही निकला हत्यारा

सोनदरहा नाले में मिला था अधजला महिला का शव, 72 घंटे में सुलझी अंधे कत्ल की गुत्थी, प्रेमी ही निकला हत्यारा

by KBC World News
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The body of a half-burnt woman was found in Sondarha drain, the mystery of blind murder solved in 72 hours, the lover turned out to be the killer

छत्तीसगढ़ : कोरबा जिले के कुसमुंडा थाने क्षेत्र में सोनदरहा नाले में अधजले महिला की लाश मिली थी जिसे पुलिस ने इस अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने में बड़ी कामयाबी मिली।मामले में अधजले लाश की पहचान और हत्यारा तक पहुंचना बड़ी मुश्किल लग रहा था लेकिन 72 घण्टे के भीतर बड़ी कामयाबी मिली और इस मामले में मृतिका के प्रेमी मनबोध भारद्वाज पिता स्व कुंज राम लच्छनपुर, जांजगीर चांपा  को गिरफ्तार किया है और अपराध क्र. 219/24 धारा 302,201 भादवि के तहत कार्यवाही की जा रही है।

जानकारी केअनुसार  9 जून 2024 को जीवन लाल कोटवार ग्राम आमगांव ने थाने में सूचना दी कि एक अज्ञात महिला उम्र लगभग 30 से 40 वर्ष का शव अधजली अवस्था में सोनदरहा नाले में पड़ा है। सूचना की तस्दीक की गई तथा पंचनामा कार्यवाही उपरांत शव को पीएम हेतु भेजा गया। पंचायत कार्यवाही के दौरान प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत हुआ। महिला अज्ञात थी तथा उसकी पहचान करना चुनौती पूर्ण कार्य था। वरिष्ठ अधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया।  उक्त मामले  में मृतिका की शिनाख्त हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे थे।तभी ग्राम सेमरा के तेरस राम कश्यप एवं दशरथ कश्यप ने महिला की पहचान अपनी बहन राम कुमारी कश्यप के रूप में की। महिला की पहचान होने के पश्चात शार्ट पीएम रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमें गला घोंटकर हत्या करना पाया है। शार्ट पीएम रिपोर्ट के आधार पर धारा 302 भादवि अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

जांच के दौरान पुलिस को जानकारी  कि मृतिका का बोकरामुड़ा निवासी मनबोध भारद्वाज से विगत 03-04 वर्षों से प्रेम प्रसंग चल रहा था। मनबोध अपना घर छोड़कर मृतिका के साथ रहता था,वह  08 जून 2024 को मृतिका को लेकर कटघोरा कोरबा आया था। सूचना मिलने पर संदेही मनबोध भारद्वाज की तलाश की गई,आरोपी मड़वा पावर प्लांट में मिला। उसे बुलाकर पूछताछ की गई तो वह पहले तो अप्रासंगिक बातें कर पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन जब हिकमत अमली से पूछताछ की गई तो उसने अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि वह विगत 04-05 वर्षों से रामकुमारी कश्यप से प्रेम करता है तथा उसके साथ रह रहा था। चूंकि मनबोध पहले से शादीशुदा था तथा उसकी पत्नी की कुछ वर्ष पूर्व मृत्यु हो गई थी, घर में बच्चे भी हैं, मृतिका उस पर दबाव बनाती थी कि तुम यहीं रहो, घर जाने की जरूरत नहीं है, जिससे आरोपी काफी परेशान हो गया तथा रामकुमारी की हत्या करने की योजना बनाने लगा।

इसी कड़ी में दिनांक 08.06.2024 को अपने मोटर सायकल प्लेटिना क्र. सीजी 11 एजी 4175 में राम कुमारी को बैठाकर कटघोरा तरफ लेकर जा रहा था कि सर्वमंगला शराब भट्ठी से शराब लेकर वापस हो गया और रास्ते में घटनास्थल के पास बैठकर दोनो ने शराब पी और वहीं पर दोनो के बीच विवाद हो गया तब गुस्से में आकर मृतिका के गमछा से ही राम कुमारी का गला घोंटकर हत्या कर दिया तथा मृतिका पहने हुए सोने चांदी के आभूषण निकाल कर तथा उसका मोबाईल लेकर चला गया एवं मृतिका के पहचान को छिपाने के लिये अपने मोटर सायकल से पेट्रोल निकालकर शव को जलाया था बताया कि आरोपी के मेमोरण्डम के आधार पर घटना में प्रयुक्त वाहन मोटर सायकल क्र. सीजी 11 एजी 4175 घटना में प्रयुक्त गमछा मृतिका के सोने चांदी के जेवरात एवं मोबाईल को जप्त किया गया संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपी को गिरफ्तार किया गया जिस न्यायालय पेश किया जा रहा है।

8जून 2024 को वह रामकुमारी को अपनी मोटर सायकल प्लेटिना क्रमांक सीजी 11 एजी 4175 से लेकर कटघोरा की ओर जा रहा था, सर्वमंगला शराब भट्ठी से शराब लेकर वापस लौटते समय रास्ते में घटना स्थल के पास दोनों ने बैठकर शराब पी और वहां दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ, फिर गुस्से में आकर उसने मृतिका के गमछे से रामकुमारी का गला घोंटकर हत्या कर दी और मृतिका के पहने हुए सोने-चांदी के आभूषण और उसका मोबाइल छीनकर चला गया। मृतिका की पहचान छुपाने के लिए उसने उसकी मोटर सायकल से पेट्रोल निकालकर शव को जला दिया।पुलिस ने घटना में प्रयुक्त वाहन मोटर सायकल क्रमांक सीजी 11 एजी 4175, घटना में प्रयुक्त गमछा, मृतिका के सोने-चांदी के आभूषण और मोबाइल को जप्त किया गया। सम्पूर्ण विवेचना उपरांत आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जा रहा है।

उपरोक्त कार्यवाही में निरीक्षक रुपक शर्मा, स.उ.नि. रफिक खान, सउनि राकेश गुप्ता, प्र.आर. 327 झाडूराम साहू, म.प्र.आर. 232 किरण केरकेट्टा, आर. 507 अमर दिवाकर, आरक्षक 616 महेन्द्र चन्द्रा, आरक्षक 486 धीरज पटेल, आरक्षक 852 लेखराम धीरहे व आरक्षक 716 खगेश्वर साहू की मुख्य भूमिका रही।

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