Virtual Workshop: Workshop organized for experts regarding changes in law as per Indian Judicial Code
रायगढ़/छत्तीसगढ़ – वर्तमान में प्रचलित भारतीय दंड संहिता, आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता, और साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता शीघ्र ही प्रभावशील किया जाना प्रस्तावित है । पुलिस मुख्यालय एवं रेंज कार्यालय द्वारा सभी जिला पुलिस इकाई में विवेचकों को भारतीय न्याय संहिता के संबंध में संपूर्ण जानकारी प्रदाय करने हेतु कार्यशाला आयोजित करने निर्देशित किया गया है जिसके परिपालन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार के निर्देशानुसार एकदिवसीय वर्चुअल कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें वक्ता के रूप में उपसंचालक अभियोजन वेद प्रकाश, जिला अभियोजन अधिकारी एवं नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय उपस्थित रहे ।
उपसंचालक अभियोजन वेद प्रकाश पटेल ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता 26 जनवरी से देश के कुछ विकसित जिलों में प्रभावशील होगी, इसके बाद धीरे- धीरे सभी राज्यों में प्रभावशील होगा । रायगढ़ जिले में पूर्व प्रचलित भारतीय दंड संहिता, अपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता व साक्ष्य अधिनियम ही प्रचलन में रहेंगे किंतु नये भारतीय न्याय संहिता का ज्ञान सभी विवेचकों, पुलिसकर्मियों को होना आवश्यक है । उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस)अधिकांश अपराधों को आईपीसी से अलग रखती है । उन्होंने विस्तार पूर्वक भारतीय न्याय संहिता के अनुसार परिवर्तित होने वाली आईपीसी, सीआरपीसी की धाराओं की जानकारी विवेचकों को दिए और विवेचकों के मन में उठ रहे प्रश्नों के जवाब दिया गया । नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय ने बताया कि इस प्रकार की कार्यशाला विवेचकों के लिए लाभकारी होता है । भारतीय न्याय संहिता का ज्ञान होना पुलिसकर्मियों के लिए अति आवश्यक है इस दिशा में पुलिस मुख्यालय द्वारा भारतीय न्याय संहिता अनुसार संशोधित धाराओं की पुस्तकें सभी थाना, चौकी और कार्यालय को उपलब्ध कराई जा रही है । इसके अतिरिक्त स्वयं भी भारतीय न्याय संहिता से जुडी विषय वस्तु का संकलन करें, आने वाले समय में सभी पुलिसकर्मियों के लिए बहुपयोगी होगा । साथ ही आने वाले समय में और भी कार्यशालाएं आयोजित किए जाने की जानकारी दिए। कार्यशाला में एसडीओपी खरसिया प्रभात पटेल और सभी थाना, चौकी प्रभारी वर्चुअली जुड़े और कार्यशाला का लाभ लिया ।