Tradition: Gaura Mahotsav celebrated with in Taulipali, marriage of Lord Shiv-Gauri…
कोरबा जिले के वनांचल में बसे तौलीपाली गांव में गौरा-गौरी पूजन महोत्सव बड़े धूमधाम एवम हर्सोल्लास के साथ मनाया गया।इस मौके पर भगवान शंकर व पार्वती के विवाह मंडप बनाकर बरात निकाली तथा विवाह की रस्म निभाई गई। इस अवसर पर कर्मा नृत्य ढोल बाजे की धुन पर नाचते गाते गांव में शोभायात्रा निकाल कर रामसागर तालाब में विसर्जित किया।
ऐसे किया गया शिव गौरी की विवाह
भगवान शिव-गौरी का मूर्ति रूप में मंडप के के चारो ओर दीप जलाकर सजाया जाता है शिव-गौरी के मूर्ति पीढ़े में बैठाया जाता है इसके बाद शादी की पारंपरिक रश्में निभाई जाती है,वाद्य यंत्रो के साथ कन्याएँ उसे सिर में रखकर युवाओं महादेव गुड़ी में लाया जाता है।
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पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही परम्परा
वणांचल क्षेत्रों में यह आदिवासी सस्कृति को दर्शाता है यह केवल आदिवासी समाज ही नही गैर आदिवासी समाज बडे धूम धाम से इस महोत्सव को मनाते हैं।यह परंपरा शादियों से चली आ रही है।धान फसल पकने के बाद इसे हर गांव में महोत्सव के रूप में मनाते है।इसके बाद ही गांव में शादी ब्याह का शुरू होता है।