Advisory issued to curb ‘deepfakes’, IT gives instructions for social media platforms
डीपफेक’ की समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने ठोस कदम उठाया है। डीपफेक को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच सभी ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को आईटी नियमों का पालन करने के लिए सलाह जारी की गई है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने जारी एक बयान में बताया कि सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पालन करने के लिए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को एडवाइजरी जारी की है। यह सलाह वीडियो में छेड़छाड़ से संबंधित ‘डीपफेक’ और कृत्रिम मेधा (एआई) के जरिए गलत सूचना के प्रसार को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच जारी की गई है।
यूजर्स को देनी होगी जानकारी
मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक केंद्र सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को नियमों का पालन करना होगा। आईटी मंत्रालय ने प्लेटफार्मों को बताया कि आईटी नियमों के तहत अनुमति दी गई कि कंटेंट यूजर्स को स्पष्ट रूप से सूचित करना होगा। मंत्रालय के मुताबिक आईटी नियमों के तहत ऐसी सामग्री के बारे में उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट एवं सटीक ढंग से सूचित किया जाना चाहिए, जिनकी अनुमति नहीं है। उपयोगकर्ता के पहली बार पंजीकरण करने के समय भी इसके बारे में स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए। यह निर्देश खासतौर पर एआई और डीपफेक की मदद से गलत सूचना के प्रसार को लेकर बढ़ती चिंताओं से संबंधित हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सलाह
आईटी मंत्रालय की जारी सलाह के मुताबिक डिजिटल प्लेटफॉर्मों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपयोगकर्ताओं को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आईटी अधिनियम, 2000 जैसे दंडात्मक प्रावधानों के बारे में जानकारी दी जाए। इसके साथ ही ऑनलाइन मंचों के उपयोग की सेवा शर्तों और उपयोगकर्ता समझौतों में स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए कि प्रासंगिक भारतीय कानूनों के तहत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कानूनी उल्लंघनों की जानकारी देना मध्यस्थों या मंचों का दायित्व है।
इसके अलावा ऑनलाइन मंचों का यह भी दायित्व होगा कि वे उपयोगकर्ताओं को डिजिटल मध्यस्थों पर निषिद्ध सामग्री से संबंधित किसी भी सूचना को होस्ट करने, प्रदर्शित करने, अपलोड करने, संशोधित करने, प्रकाशित करने, प्रसारित करने, संग्रहीत करने, अपडेट करने या साझा करने से रोकने के लिए उचित प्रयास करें।
दरअसल, एक महीने के अंदर ही केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने डीपफेक के गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए उद्योग जगत के प्रमुखों के साथ महत्वपूर्ण हितधारक बैठकें बुलाईं। बैठक के दौरान, उन्होंने सभी प्लेटफार्मों और मध्यस्थों के लिए वर्तमान कानूनों व विनियमों का सख्ती से पालन करने की तात्कालिकता पर प्रकाश डाला, इस बात पर जोर दिया कि आईटी नियम डीपफेक के खतरे को व्यापक रूप से दूर कर सकते हैं।
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उन्होंने कहा कि गलत सूचना इंटरनेट पर उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा एवं विश्वास के लिए एक गहरा खतरा उत्पन्न करती है। डीपफेक जो AI द्वारा संचालित गलत सूचना है, हमारे डिजिटल लोगों की सुरक्षा और विश्वास के लिए खतरे को बढ़ाता है। 17 नवंबर को पीएम मोदी ने देश को डीपफेक के खतरों के बारे में सचेत किया था और उसके बाद, मंत्रालय ने भारतीय इंटरनेट के सभी हितधारकों के साथ दो डिजिटल इंडिया संवाद भी किए, जिससे उन्हें अक्टूबर 2022 में अधिसूचित आईटी नियमों के प्रावधानों और अप्रैल 2023 में संशोधन के बारे में सतर्क किया गया था और जानकारी दी गई थी, जिसमें सभी सोशल मीडिया मध्यस्थों और प्लेटफार्मों पर 11 विशिष्ट निषिद्ध सामग्री उपलब्ध की गई थी।
गलत सूचना के प्रसार तुरंत लगाएं रोक
मंत्री ने इस बात पर भी बल दिया कि नियम 3(1)(बी)(वी) स्पष्ट रूप से गलत सूचना के प्रसार पर रोक लगाता है। इसलिए सभी मध्यस्थों को अपने प्लेटफार्मों से ऐसी सामग्री को तुरंत हटाने के लिए और उचित सावधानी बरतने के लिए कहा गया। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि प्लेटफार्मों को आईटी नियमों के अंतर्गत किसी भी उल्लंघन से जुड़े कानूनी परिणामों के बारे में विधिवत सूचित किया गया है।
बता दें कि ‘डीपफेक’ का मतलब इंटरटेनट पर उपलब्ध सामग्री में छेड़छाड़ कर उसे गलत ढंग से पेश करना है। इसमें कृत्रिम मेधा के जरिए किसी भी व्यक्ति को गलत ढंग से पेश करने या उसका प्रतिरूपण करने के लिए डिजिटल हेराफेरी की जाती है। हाल ही में कुछ फिल्मी हस्तियों को डीपफेक की मदद से निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। इस घटना के बाद सरकार ने इस संबंध में सलाह जारी की है।