Home National विपक्ष ने सरकार के खिलाफ उठाई आवाज, भाजपा ने कहा- बजट में सबका ध्यान रखा गया

विपक्ष ने सरकार के खिलाफ उठाई आवाज, भाजपा ने कहा- बजट में सबका ध्यान रखा गया

by KBC World News
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Opposition raised voice against the government, BJP said- everyone was taken care of in the budget

नई दिल्ली : संसद ने केंद्रीय बजट 2024 और 2024-2025 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के बजट पर चर्चा शुरू की। बुधवार को कार्यवाही हंगामेदार ढंग से शुरू हुई। विपक्षी सांसदों ने बजट के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया। इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने आरोप लगाया है कि बजट गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभावपूर्ण है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट पेश किया था। अपने सातवें रिकॉर्ड बजट में, निर्मला सीतारमण ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और पर्याप्त अवसर पैदा करने के उद्देश्य से प्रमुख प्राथमिकताओं को रेखांकित किया। इनमें कृषि, रोजगार और कौशल और सेवाओं में उत्पादकता और लचीलापन शामिल था।

लोकसभा की कार्यवाही

– लोकसभा की बैठक बुधवार को हंगामे के साथ शुरू हुई और विपक्षी सदस्यों ने राज्यों के बजटीय आवंटन का मुद्दा सदन में उठाने का प्रयास किया लेकिन आसन से अनुमति नहीं मिलने पर उन्होंने सदन से वाकआउट किया जिसके बाद सदन में कामकाज सुचारू तरीके से हुआ।

– भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्रीय बजट में कई राज्यों के साथ ‘‘भेदभाव’ से जुड़े विपक्ष के आरोप को खारिज करते हुए बुधवार को लोकसभा में कहा कि इसमें सभी प्रदेशों और वर्गों का ध्यान रखा गया है तथा जनता के लिए आज भी ‘मोदी की गारंटी’ कायम है। वर्ष 2024-25 के लिए बजट पर लोकसभा में सामान्य चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद विप्लव कुमार देव ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में पारदर्शी आर्थिक व्यवस्था लागू की गई है। 

– कांग्रेस ने केंद्रीय बजट को ‘कुर्सी बचाओ और जुमला बजट’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि इस बजट में सिर्फ दो राज्यों बिहार और आंध्र प्रदेश पर मेहबरानी की गई है, लेकिन देश के अन्य राज्यों, किसानों और गरीबों की अनदेखी की गई है। वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पर लोकसभा में सामान्य चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने यह दावा भी किया कि ‘कुर्सी को बचाओ और मित्रों पर लुटाओ’ इस सरकार का आखिरी नारा है।

– गुजरात में चांदीपुरा वायरस से अब तक 37 बच्चों की मौत होने का दावा करते हुए कांग्रेस की सांसद गनीबेन नगाजी ठाकोर ने केंद्र सरकार से इस विषाणु के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने की मांग की और कहा कि इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो दोबारा कोरोना महामारी जैसी भयानक स्थिति पैदा हो सकती है। 

– रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि महाराष्ट्र में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र में वडसा-गढ़चिरौली रेलवे लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण और वन मंजूरियों के बाद काम ने रफ्तार पकड़ ली है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान गढ़चिरौली-चिमूर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के सदस्य किरसन नामदेव के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए वैष्णव ने कहा कि परियोजना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों से होकर गुजरती है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि केरल सरकार रेलवे परियोजनाओं के संदर्भ में बहुत सहयोगी नहीं रही है और यदि राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण में सहयोग करे तो बहुत काम किया जा सकता है। वैष्णव ने केरल में प्रस्तावित आंगामाली-सबरीमला रेल मार्ग परियोजना से संबंधित पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह बात कही। 

– सरकार की तेलंगाना में सिंगरेनी कोयला खदान कंपनी के निजीकरण की कोई योजना नहीं है तथा इसे और मजबूत करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। कोयला एवं खनन मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को यह बात लोकसभा में कही।

– तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आजाद ने बुधवार को सरकार पर संविधान बदलने की कोशिश करने और जानबूझकर विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष पदों को खाली रखने का आरोप लगाते हुए मांग की कि देश में दलितों और पिछड़ों को सामाजिक न्याय देने के लिए इन पदों को जल्द भरा जाना चाहिए। 

– महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण और धनगर समुदाय को आरक्षण देने के लिए हो रहे आंदोलनों का समाधान निकालने, जनजातियों को आदिवासी पुकारने और शिक्षा के अधिकार कानून के तहत स्नातक स्तर तक छात्रों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने समेत विभिन्न मांग बुधवार को लोकसभा में की गईं। शून्यकाल में विभिन्न दलों के सदस्यों ने लोक महत्व के विषय सदन में उठाए।

– द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) सांसद दयानिधि मारन ने बुधवार को केंद्र सरकार पर तमिलनाडु और तमिल जनता से भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘‘राज्य की जनता भाजपा-नीत सरकार को कभी माफ नहीं करेगी।’’ मारन ने केंद्रीय बजट 2024-25 पर लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए इसमें बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए किए गए बजटीय प्रावधानों का उल्लेख किया और कहा कि सरकार दोनों राज्य की मदद कर रही है, अच्छी बात है लेकिन तमिलनाडु जैसे राज्य को दंडित नहीं किया जाना चाहिए। 

राज्यसभा की कार्यवाही

– कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने बुधवार को आम बजट 2024-25 में बिहार और आंध्र प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा से बहिर्गमन किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के इन आरोपों को ‘बेतुका’ करार देते हुए सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि बजट भाषण में राज्यों का नाम न लेने का अर्थ यह नहीं है कि उन्हें नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा पूर्व में पेश किए गए बजट में भी सभी राज्यों का कभी उल्लेख नहीं रहा। 

– कश्मीर सहित देश की सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए सरकार ने बुधवार को कहा कि उसकी नीति आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की है और ‘‘आतंकवादी या तो जेल में रहेंगे या जहन्नुम में जाएंगे।’’ गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह भी बताया कि विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को अगस्त 2019 में हटाए जाने के बाद से जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना ने 900 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है।

– राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भाजपा नीत केंद्र सरकार को आगाह किया कि यदि उसने बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी पर लगाम नहीं लगायी तो देश की जनता सत्तारूढ़ दल को उसी तरह चुनावों में दंडित करती रहेगी जैसा उसे हाल के उपचुनावों में दंडित किया गया था। चिदंबरम ने कहा कि वह आम बजट में घोषित ‘ईएलआई’ पहल से पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं और उन्हें आशंका है कि कहीं इसका हश्र भी प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरी देने के ‘चुनावी जुमले’ जैसा नहीं हो जाए।

– बीजू जनता दल (बीजद) ने बुधवार को कहा कि आम बजट से देश भर के लोगों को निराशा हुई और जिस प्रकार से ओडिशा के साथ सौतेला व्यवहार कर उसकी उपेक्षा की गई है, उससे इस पूर्वी राज्य के लोग दुखी हैं। आम बजट 2024-25 पर राज्यसभा में चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजद के सुजीत कुमार ने कहा, ‘‘बजट ने देश भर के लोगों को निराश किया है। आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए तो आकर्षक घोषणाएं की गई हैं और इससे हमें कोई दिक्कत भी नहीं है लेकिन ओडिशा जैसे राज्यों के साथ सौतेला व्यव्हार किया गया। ओडिशा की जनता इससे दुखी है।’’ 

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