श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने रायगढ़, कोरबा, भिलाई और रायपुर के अस्पतालों की स्थिति की दी जानकारी
समीक्षा बैठक में श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई
छत्तीसगढ़/कोरबा : केन्द्रीय रोजगार, खेल एवं श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में शनिवार को रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई।
इस अवसर पर मंत्री देवांगन ने केन्द्रीय मंत्री मंडाविया को प्रदेश के ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) अस्पतालों में डॉक्टरों, विशेषज्ञ डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ की कमी की जानकारी दी।
मंत्री देवांगन ने बताया कि ईएसआईसी ने प्रदेश में क्रमश: रायपुर, भिलाई, कोरबा और रायगढ़ में 100-100 बिस्तरों वाले अस्पतालों का निर्माण किया है। सभी जगह स्वास्थ्य सुविधाएं शुरू हो गई हैं, लेकिन कोरबा, भिलाई और रायगढ़ में अभी आईपीडी सुविधा शुरू नहीं हो पाई है। दोनों जिलों में क्रमश: 40 हजार और 50 हजार श्रमिक परिवार पंजीकृत हैं।
अस्पतालों में पर्याप्त डॉक्टर और स्टाफ न होने के कारण श्रमिक परिवारों को अन्य शहरों में रेफर करना पड़ता है। मंत्री श्री देवांगन ने ईएसआईसी के चारों अस्पतालों में पर्याप्त डॉक्टर और अन्य सुविधाएं शुरू करने का अनुरोध किया। इस पर केन्द्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने ईएसआईसी के अधिकारियों को सभी कमियों को जल्द से जल्द दूर करने के निर्देश दिए। इसके अलावा श्रम विभाग के प्रस्ताव पर खरसिया के लारा में ईएसआईसी डिस्पेंसरी के लिए भी केन्द्रीय श्रम मंत्री ने सहमति दी।
ईएसआईसी और ईपीएफ में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या में अंतर, दिए निर्देश
बैठक में ईएसआईसी में ईपीएफओ में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या की भी समीक्षा की गई, जिस पर केन्द्रीय श्रम मंत्री ने ईपीएफओ के अधिकारियों से नाराजगी भी जताई। जल्द से जल्द समीक्षा कर श्रमिकों का पंजीयन करने के निर्देश दिए गए।